पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना ने बढ़ाई ताकत

भारतीय नौसेना में पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर IANS 335 ‘Ospreys’ को शामिल कर लिया गया है। यह MH-60R का दूसरा स्क्वाड्रन है। इस स्क्वाड्रन को नवल स्टाफ एडमिरल के प्रमुख दिनेश त्रिपाठी की मौजूदगी में शामिल किया गया।
आईएनएस हंसा नवल बेस पर इस पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर को नौसेना में शामिल करने के लिए सेरेमनी रखी गई। इस स्क्वाड्रन का नौसेना में स्वागत वाटर कैनन सैल्यूट के जरिए किया गया। भारतीय नौसना के सोशल मीडिया हैंडल से इस सेरेमनी की तस्वीरें भी साझा की गई हैं।
समुद्र में ताकत बढ़ा रहा भारत
नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि बढ़ते राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना जरूर है। आज के समय में आसपास का समुद्री वातावरण पहले से कहीं अधिक जटिल हो गया है।
एडमिरल त्रिपाठी ने आगे कहा कि ‘भू-राजनीति में बदलाव, तेजी से विकसित हो रही टेक्नोलॉजी और आस-पास के खतरों के बढ़ने से, ग्रे-ज़ोन गतिविधियों से लेकर समुद्र में सप्लाई चेन में आने वाली दिक्कतों तक, हम इस नई वास्तविकता को अपनाने का प्रयास कर रहे हैं।’
क्या है इस स्क्वाड्रन की खासियत?
भारतीय नौसेना में शामिल हुए इस दूसरे स्क्वाड्रन में अत्याधुनिक सेंसर्स का इस्तेमाल किया गया है. ये स्क्वाड्रन में मल्टी-मिशन कैपेबिलिटी है, जो कि पनडुब्बी रोधी एवं सतह रोधी वायफेयर के दौरान प्रयोग में लाया जा सकता है।
सर्च और रेसक्यू ऑपरेशन में भी ये उपकरण इस्तेमाल किया जा सकता है। ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना की सभी विमानन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में मदद करेगा। ये मेडिकल इमरजेंसी और जिन जगहों पर सामान पहुंचाना मुश्किल है, उन जगहों पर सुविधा पहुंचाने में काम आएगा।





