इस वजह से 1 दिसंबर को टल सकती है पद्मावती की रिलीज डेट
भंसाली की फिल्म पद्मावती की प्रस्तावित रिलीज डेट नजदीक आते ही विवाद चरम पर पहुंचता जा रहा है. सिनेमाघर जलाने, जान से मारने और हिंसा फैलाने की धमकी दी जा रही है. यूपी सरकार ने भी विवाद को लेकर दावा कि लोगों में गुस्सा है. निकाय चुनाव के मद्देनजर यूपी में फिल्म रिलीज होने से अशांति फैल सकती है. इस बीच मेरठ में एक राजपूत नेता ने संजय लीला भंसाली के खिलाफ फरमान जारी किया. उसने कहा, जो भंसाली का सिर काट कर लाएगा उसे पांच करोड़ इनाम मिलेगा. ये फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी प्रस्तावित है. लेकिन फिल्म के सिनेमाघर तक पहुंचने में तकनीकी संकट भी सामने आ रहे हैं.
अब तक क्या हुआ, किसने क्या कहा?
तो नहीं रिलीज हो पाएगी पद्मावती: फिल्म 1 दिसंबर को नहीं रिलीज हो सकती. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अभी तक मेकर्स ने सेंसर के पास फिल्म नहीं भेजी है. नियमों के मुताबिक, रिलीज से 15 दिन पहले फिल्म को सेंसर के पास भेजना होता है. सूत्रों की मानें को फिल्म की पहली कॉपी का काम पूरा नहीं हुआ है. जिस वजह से इसे सेंसर के पास नहीं भेजा जा सका है. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि नियम का पालन हुआ तो फिल्म प्रस्तावित तारीख पर रिलीज नहीं होगी. क्योंकि प्रस्तावित तारीख पर रिलीज के लिए फिल्म भेजने की अवधि खत्म हो गई है. हालांकि कुछ दिन पहले फिल्म के मेकर्स की तरफ से जारी बयान में दावा किया गया था कि फिल्म सेंसर के पास भेज दी गई है.
शादी कार्ड पर भावुक कविता से फिल्म का विरोध : सुरेन्द्र सिंह पंवार नाम के दूल्हे ने अपनी शादी के कार्ड्स में पद्मावती के सम्मान और फिल्म के विरोध के स्लोगन लिखवाए हैं. सुरेन्द्र सिंह की शादी 23 नवंबर को होनी है. कार्ड में पहले पद्मावती का बहिष्कार करने की अपील की गई है. इसके बाद रानी के अदम्य साहस और जौहर पर 4 लाइनों में कविता लिखी है. कविता में कहा गया है- ‘इक रानी की बात नहीं, पद्मिनी हो या जोधा कहें, फिल्माने की बात नहीं, बात सिर्फ है स्वाभिमान की, सत्य सनातन वो ज्योति, उसपे बात करे कोई तो, हमसे सहन नहीं होती.’ कविता के बाद लिखा है कि रानी पद्मावती का अपमान नहीं सहेंगे.
दीपिका की सुरक्षा बढ़ाई : पद्मावती विवाद में दीपिका पादुकोण को करणी सेना की तरफ से नाक काटने की धमकी और एक राजपूत नेता की ओर से भंसाली के सिर पर पांच करोड़ का इनाम रखने के बाद मुंबई में दोनों सेलेबस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दीपिका को घर और कार्यालय में सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने दी हद में रहने की सलाह: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेहतर होगा अगर फिल्ममेकर्स सीमा में रहें. उन्होंने मेकर्स पर आरोप लगाते हुए कि अभिव्यक्ति की आजादी मूलभूत अधिकार जरूर है लेकिन एक सीमा में रहे तो बेहतर है. गडकरी ने आगे कहा, मेकर्स को सांस्कृतिक संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता है. फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता. लोगों को फिल्म से नाराज होने का अधिकार है. बीजेपी के सीनियर नेता का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो रहा है.
अंग्रेजों ने रौंदा था महाराजा का सम्मान : वहीं पद्मावती के खिलाफ सड़कों पर उतरे राजपूत राजघरानों के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने दावा किया कि आज जो ये तथाकथित जाबांज महाराजा एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है. यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को रौंद दिया था.
मौजूदा स्थिति सांस्कृतिक आतंकवाद : कई मौकों पर केंद्र की बीजेपी सरकार का खुलकर समर्थन करने वाले IFTDA के कन्विनर अशोक पंडित ने ‘पद्मावती’ पर जारी गतिरोध को सांस्कृतिक आतंकवाद करार दिया. उन्होंने कहा, ‘पूरी फिल्म इंडस्ट्री इस वक्त निशाने पर है. हमारे ऊपर हमले हो रहे हैं, हमें मारा जा रहा है, गालियां दी जा रही हैं. हम क्रिएटिव लोगों को धमकियां मिल रही हैं लेकिन ये तो हम तय करेंगे कि हमें क्या बनाना है या नहीं. इस तरह की स्थिति सांस्कृतिक आतंकवाद है’. पूरे मामले में IFTDA ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक लेटर भी लिखा है.
बचाव में उतारी उमा भारती : करणी सेना की ओर से नाक काटने की धमकी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती उनके बचाव में आई हैं. उन्होंने कहा, ये भारतीय नारी का अपमान है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जब हम पद्मावती के सम्मान की बात करते हैं, तो हमें सभी महिलाओँ के सम्मान का ध्यान रखना होगा.’ उन्होंने यह भी लिखा, ‘फिल्म पद्मावती के संदर्भ में उस फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी उचित नहीं है. उनकी आलोचना अनैतिक होगी.’
बढ़ाई गई भंसाली की सुरक्षा : विवाद के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने भंसाली की सिक्युरिटी कवर बढ़ा दी है. पहले भंसाली के घर और जुहू स्थित आफिस के बाहर पुलिस का पहरा था. अब भंसाली के साथ दो गनमैन 24 घंटे के लिए तैनात किए गए हैं. ये सुरक्षा भंसाली को तब तक दी जाएगी, जब तक उन पर खतरा है. इसके साथ ही भंसाली के घर और उनके आफिस के बाहर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है.
तो काट लेंगे दीपिका की नाक : राजपूत करणी सेना की ओर से बनाए गए एक वीडियो में महिपाल सिंह मकराना ने कहा, ‘राजपूतों ने कभी औरतों पर हाथ नहीं उठाया. लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वही करेंगे जो लक्ष्मण ने शूर्पणखा के साथ किया था.’
सिनेमाघर के मालिकों को खून से लिखेंगे चिट्ठी : यूपी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजपूत करणी सेना के चीफ लोकेंद सिंह ने कहा, ‘यदि फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हुई तो लाखों लोग इसके विरोध में जमा होंगे. हमारे पूर्वजों ने खून से इतिहास लिखा है. हम किसी को इस पर कालिख नहीं पोतने देंगे. हम 1 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘भंसाली की फिल्म पद्मावती के खिलाफ खून से लिखी चिट्ठी हर डीएम और सिनेमाघर के मालिक को भेजी जाएगी. राजपूत समाज हर हार में सिनेमाघरों में फिल्म की रिलीज होने से रोकेगा’.
CBFC को खून से हस्ताक्षर कर भेजी चिट्ठी : जयपुर में एक ब्राह्मण संगठन ने भी पद्मावती का सपोर्ट किया है. जयपुर में सर्व ब्राह्मण महासभा ने सेंसर बोर्ड को एक पत्र भेजकर पद्मावती को बैन करने की मांग कर रहा है. इस पर खून से हस्ताक्षर किए गए हैं.
1 दिसंबर को भारत बंद : श्री राजपूत करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह ने कहा, यदि 1 दिसंबर को पद्मावती रिलीज की जाएगी तो राजपूत संगठन भारत बंद का आयोजन करेंगे. रिलीज के दिन हम देशभर में रैलियां करेंगे.
यूपी में फिल्म शांति व्यवस्था के लिए खतरा : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शांति व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर 1 दिसंबर को फिल्म रिलीज न करने की मांग की है. योगी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा, राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव तथा बारावफात को देखते हुए फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा. यूपी में निकाय चुनाव के लिए मतों की गिनती भी एक दिसंबर को ही होनी है.
बनाए कानून : मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह ने कहा, भारत सरकार को ऐसा क़ानून बनाना चाहिए ताकि भविष्य में फिल्म बनाने के नाम पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ न की जाए.
भंसाली के खिलाफ केस :यूपी के महाराजगंज में भंसाली के खिलाफ ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के आरोप को लेकर केस दर्ज किया गया है. जबकि राजस्थान में एक मंत्री किरण माहेश्वरी ने भी पद्मावती का विरोध किया है. राजस्थान महिला आयोग ने भी सेंसर बोर्ड को चिट्ठी लिख है.
दीपिका नाचने वाली, जला देंगे सिनेमाघर : करणी सेना के चीफ ने कहा, ‘दीपिका पादुकोण एक नाचने वाली है. फिल्म में राजपूत रानी की गलत छवि पेश की गई है. अगर फिल्म रिलीज हुई तो हम सिनेमाघर जला देंगे.’ ‘हम यह फिल्म नहीं देखना चाहते. किसने कहा कि हमें ये फिल्म देखनी है. भंसाली ने 3 मिनट का ट्रेलर जारी किया है. क्या हिंदुस्तान उसके बाप का है. हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. हम हमारी जान दे देंगे.’ उन्होंने कहा, जब तक फिल्म पूरी तरह से बैन नहीं हो जाती हम अपना विरोध जारी रखेंगे. यह हमारे राजपूत समाज की बेइज्जती है. इस फिल्म को दिखाने की कोई जरूरत नहीं है.’
पद्मावती पर करण जौहर, ‘मेरा चुप रहना ही ठीक’: करण जौहर ने भी पद्मावती का समर्थन किया है. हालांकि उन्होंने विवाद ज्यादा कुछ नहीं बोला. करण ने कहा, ‘मैं पद्मावती जैसे विवादित मामले पर बयान नहीं देना चाहता. इस पर मेरे कुछ भी बोलने से और बखेड़ा खड़ा हो सकता है.’
एमएनएस का सपोर्ट: राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने फिल्म का सपोर्ट करते हुए एक बयान में कहा कि फिल्म देखे बिना पद्मावती का विरोध करना गलत है. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही एमएनएस पार्टी के अधिकारी फिल्म के रिलीज को लेकर उठे मुद्दे को लेकर संजय लीला भंसाली से बात कर सकते हैं.
विरोध की तारीख खिसकाई: संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के समर्थन में मुंबई के गोरेगांव स्थित फ़िल्मसिटी में 16 नवंबर को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन की तारीख को खिसका दिया गया है. इंडियन फ़िल्म एंड टेलेविज़न एसोसिएशन अब 23 नवंबर को शाम 4 बजे से 4.15 के बीच 15 मिनट के लिए विरोध करेगा. इस दौरान पूरी तरह से शूटिंग रोक दी जाएगी और हर सेट पर लाइट्स बंद कर पद्मावती का समर्थन किया जाएगा.
हर हाल में रिलीज होगी फिल्म : दीपिका ने कहा, ‘एक महिला के रूप में मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर और इस कहानी को दुनिया को बताने के लिहाज से बेहद गर्व महसूस कर रही हूं. ये एक ऐसी कहानी है जिसे जरूर बताया जाना चाहिए.’ दीपिका ने सवाल किया, ‘हम एक राष्ट्र के रूप में कहां पहुंच गए हैं? ये डरावना है, ये बहुत डरावना है, हम आगे बढ़ने के बदले पीछे जा रहे हैं. हमारी अगर किसी को जवाबदेही है तो वह सिर्फ सेंसर बोर्ड को है और मैं जानती हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि इस फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता. ये सिर्फ पद्मावती से संबंधित नहीं हैं बल्कि हम एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं.’
बीजेपी ने लिखी थी चिट्ठी : गुजरात के प्रदेश उपाध्यक्ष आईके जडेजा ने सेंसर बोर्ड, केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से फिल्म की रिलीज का विरोध किया था. जडेजा ने कहा था, गुजरात के 15-16 जिलों के राजपूत समाज ने पार्टी से इस फिल्म को बैन कराए जाने की मांग की थी. बीजेपी ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को चिट्ठी भी लिखी. कहा कि यह फिल्म क्षत्रीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है. लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए. पार्टी की दलील है कि ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और किसी भी तरह की तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचा जा सकेगा. निर्वाचन आयोग ने बीजेपी की मांग को ठुकरा दिया.
जिनकी औरतें रोज शौहर बदलती हैं, वो क्या जानें जौहर : बीजेपी सांसद एवं पार्टी प्रवक्ता प्रोफेसर चिंतामणि मालवीय फेसबुक पर पोस्ट की गई अपनी टिप्पणी में लिखा, ‘ जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती हैं वे क्या जाने जौहर क्या होता है? मैं फ़िल्म पद्मावती का पुरजोर विरोध और बहिष्कार करता हूं. अपने शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस फ़िल्म को बिल्कुल न देखें. फ़िल्म बनाकर चन्द पैसों के लालच के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करना शर्मनाक और घृणित कार्य है.’हर भारतीय नारी की आदर्श, रानी पद्मावती जी पर भारतीयों को गर्व है. रानी पद्मावती ने अपने सतीत्व और देश औऱ समाज की आन-बान-शान के लिए हजारों नारियों के साथ स्वयं को आग में झोंक दिया था. उसे तोड़-मरोड़ कर दिखाना वास्तव में इस देश का अपमान है.’
अलाउद्दीन व्यभिचारी हमलावर: फिल्म का विरोध सिर्फ बीजेपी ही नहीं कांग्रेस और दूसरे दलों ने भी की है. केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अलाउद्दीन को व्यभिचारी हमलावर कहा. उन्होंने ट्वीट में लिखा था, अलाउद्दीन की नजर पद्मावती पर थी. साक्षी ने हिंदू विरोधी फिल्म कहा. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और राजपूत नेता शंकर सिंह वाघेला ने भी फिल्म की रिलीज का विरोध किया है.
फिल्म के बजट की जांच हो: बीजेपी सांसद सुब्रमण्यण स्वामी ने कहा कि फिल्म के बजट की जांच होनी चाहिए. यह पता करना चाहिए कि फिल्म में आखिर किसने पैसा लगाया है.
भंसाली के साथ हाथापाई: फिल्म में पद्मावती का रोल दीपिका पादुकोण कर रही हैं. जबकि अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में रणवीर सिंह हैं. करणी सेना फिल्म की शूटिंग के दौरान से ही इसका विरोध कर रही है. राजस्थान में शूटिंग के वक्त तोड़फोड़ की घटना हुई थी. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ हाथापाई भी की थी.
सफाई दे चुके हैं भंसाली : बता दें कि पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस को लेकर विवाद था जिस पर मेकर्स की ओर से सफाई आ चुकी है. भंसाली ने हाल ही में सोशल मीडिया में एक बार फिर कहा कि फिल्म में इस तरह का कोई सीक्वेंस नहीं है. ये फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी है.
क्यों है विवाद ?
कई बातों को लेकर विवाद है. आरोपों के मुताबिक फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को महिमामंडित किया गया है. खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है. रानी पद्मावती को उस तरह दिखाया गया जैसा राजपूत या राजपरिवारों में नहीं होता. घूमर डांस में भी राजपूत समाज की गलत प्रस्तुति हुई. कहा जा रहा कि पुरुषों के सामने रानियां डांस नहीं करती.
ये फिल्म सात सौ साल पहले की एक कहानी पर बन रही है. हिंदी कवि मालिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत लिखी थी. इसमें रानी पद्मिनी और खिलजी का जिक्र है. कुछ लोग गल्प मानते हैं तो वहीं कई लोग इसे ऐतिहासिक कहानी बताते हैं. कहा जाता है कि खिलजी रानी पद्मिनी को लेकर आशक्त था. उसने मेवाड़ पर हमला कर दिया था. रानी पद्मिनी ने 16 हजार राजपूत महिलाओं के साथ जौहर कर लिया था.