अभी-अभी हुआ बड़ा खुलासा: पद्मावती पर थी अलाउद्दीन की बुरी नजर, पढ़िए उमा भारती का खुला खत

लगातार दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने फिल्म ‘पद्मावती’ का समर्थन किया है। फिल्म पर जारी विवाद को खत्म करने का रास्ता सुझाते हुए उन्होंने खुला खत लिखा है। उन्होंने परोक्ष रूप से कांग्रेस के साथ-साथ अपनी भारतीय जानता पार्टी के नेताओं से भी अपील की है कि वह फिल्म ‘पद्मावती’ के जरिए अपना वोट बैंक न बनाएं।

अभी-अभी हुआ बड़ा खुलासा: पद्मावती पर थी अलाउद्दीन की बुरी नजर, पढ़िए उमा भारती का खुला खतउमा भारती ने कहा कि कुछ चीजें राजनीति से ऊपर होती हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज की भारतीय महिला हूं और इस नाते मुझे भूत, वर्तमान और भविष्य की हर भारतीय महिला के सम्मान का ख्याल रखना होगा। अपने खुले खत में एक तरफ उमा भारती ने जहां फिल्म मेकर की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन किया है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें संदेश भी दिया है कि तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की निंदा स्वभाविक है। 

ट्विटर पर पोस्ट किये गए अपने ओपन लेटर में उन्होंने फिल्म की प्री-स्क्रीनिंग की भी वकालत की है।

https://twitter.com/umasribharti/status/926738779271970816

उमा भारती ने महिलाओं पर होने वाले एसिड हमलों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर ऐसे हमले करने वाले सभी लड़के उनकी नजर में अलाउदीन खिलजी के ही वंशज हैं जिसकी रानी पद्मावती पर बुरी नजर थी। इससे पहले शुक्रवार को भी उमा भारती ने फिल्म मेकर्स से अपील की थी कि वह विरोध कर रही संस्था और समुदाय के प्रतिनिधियों को रिलीज से पहले फिल्म दिखाएं, जिसकी वह मांग कर रहे हैं।

इससे पहले, गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता आईके जडेजा ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मांग की कि या तो राज्य में फिल्म की रिलीज टाली जाए या इस पर प्रतिबंध लगे। इसके अलावा पार्टी चाहती है कि बिना प्री-स्क्रीनिंग के यह फिल्म प्रदर्शित न की जाए। जडेजा ने कहा, ‘गुजरात में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में फिल्म में किसी भी तथ्य के साथ छेड़छाड़ से समुदाय विशेष की भावनाएं आहत होंगी। इससे राज्य में तनाव हो सकता है।

 

बीजेपी का कहना है कि इतिहास के मुताबिक पद्मावती और खिलजी की मुलाकात कभी हुई ही नहीं। ऐसे में फिल्म की कहानी को लेकर राजपुत समुदाय के बीच नाराजगी है। वहीं, कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला ने भी धमकी दी है कि गुजरात में रिलीज से पहले फिल्म क्षत्रीय समुदाय के प्रतिनिधियों को दिखाई जाए वर्ना हिंसक प्रदर्शन होंगे।  
 
 

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