‘पद्मावती’ के मछली जैसे खूबसूरत गढ़ के बारे में ये सब नहीं जानते होंगे आप

विवादित फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज डेट जैसे-जैसे पास आ रही है वैसे-वैसे ही विवादों के बादल गहराते जा रहे हैं। फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। खैर, चित्तौड़ की महारानी ‘पद्मावती’ जिस किले की रानी थी, वो किला उतना ही खूबसूरत है।'पद्मावती' के मछली जैसे खूबसूरत गढ़ के बारे में ये सब नहीं जानते होंगे आप

क्षेत्रफल के हिसाब से चित्तौड़गढ़ का किला भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है। 691.9 एकड़ में फैला यह किला 590.6 फीट उंचे पहाड़ पर स्थित है।

 'पद्मावती' के मछली जैसे खूबसूरत गढ़ के बारे में ये सब नहीं जानते होंगे आप

चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण 7वीं सदी के मौर्यकाल में ​मौर्य राजा चित्रांगधा मोरी ने करवाया था। इसलिए माना जाता है कि चित्तौड़गढ़ का नाम भी राजा चित्रांगधा मोरी के नाम पर ही पड़ा। 

 

यदि इस किले को एक निर्धारित ऊंचाई से देखा जाए, तो ये मछली जैसे आकार का नजर आता है।

 

यदि कोई पहली बार चित्तौड़गढ़ का किला देखने पहुंचता है, तो उसे ये जानकारी नहीं लगती कि इस किले तक पहुंचने के लिए वो सात बड़े गेटों को पार करके पहुंचा है। आपको बता दें कि किले तक पहुंचने के लिए रामपोल, लक्षमणपोल, पदलपोल, गणेशपोल, जोड़लापोल, भैंरोपोल और हनुमानपोल को पार करना पड़ता है। किले के मुख्य प्रवेश द्वार को सूर्यपोल कहा जाता है।

 'पद्मावती' के मछली जैसे खूबसूरत गढ़ के बारे में ये सब नहीं जानते होंगे आप

चित्तौड़गढ़ किले की परिधी में 65 ऐतिहासिक स्मारक बने हैं जिनका अपना अलग महत्व है। किले के अंदर 4 अलग अलग महल बने हुए हैं जिनमें से एक महल रानी पद्मावती का भी है। वहीं यहां 19 पौराणिक मंदिर भी है, जिनमें मीराबाई मंदिर, कालिका माता मंदिर, जैन मं​दिर, गणेश मंदिर, सम्मीधेश्वराय मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, कुंभा श्याम मंदिर खास हैं।

 'पद्मावती' के मछली जैसे खूबसूरत गढ़ के बारे में ये सब नहीं जानते होंगे आप

काफी उंचाई पर स्थित चित्तौड़गढ़ के किले में किसी समय 84 के करीब पानी के स्रोत हुआ करते थे। मगर सूखे के चलते अब ये सिर्फ 22 की संख्या तक की सीमित हो चुके हैं। इन पानी के स्रोतों में बारिश का पानी एकत्रित होता है, जो 50 हजार लोगों की प्यास बुझा सकता है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button