पटाखों और आतिशबाजी के धुएं ने लखनऊ सहित कई प्रमुख शहरों में बिगाड़ी हवा की सेहत, पढ़े पूरी खबर

पटाखों और आतिशबाजी के धुएं ने लखनऊ सहित सूबे केकई प्रमुख शहरों में हवा की सेहत और बिगाड़ दी। लखनऊ में दीपावली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) दोगुना तक बढ़ गया, जबकि पीएम 2.5 का स्तर 500 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर के स्तर में दर्ज हुआ। लखनऊ में बीती 26 अक्टूबर को जो एक्यूआइ 155 था, वो दीपावली पर 186 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, दूसरे दिन यानी 28 अक्टूबर को दोगुना बढ़कर 305 दर्ज हुआ। यह सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार को एक्यूआइ 314 रिकॉर्ड किया गया। राहत की बात यह रही कि प्रदूषण का स्तर पिछली दीपावली के मुकाबले कम रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, इसके पीछे ग्रीन पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी के उत्पादन में कमी को भी कारण माना जा रहा है। इस बार दीपावली के अगले दिन पटाखों के शोर में अप्रत्याशित कमी दर्ज की गई।

सूबे के चार शहरों में एक्यूआइ 400 पार

गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर व ग्रेटर नोएडा में एक्यूआइ 400 से अधिक दर्ज किया गया। गाजियाबाद मंगलवार को देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआइ 446 रिकॉर्ड हुआ। गाजियाबाद के अलावा नोएडा 436 दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। ग्रेटर नोएडा व मुरादाबाद में एक्यूआइ क्रमश: 428 व 424 रहा।  शहरों में प्रदूषण ने देश की राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया। दिल्ली में एक्यूआइ 400 दर्ज किया गया।

इस बार कमजोर रहा पटाखों का शोर

भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) ने दीपावली के अवसर पर आतिशबाजी से हवा कितनी जहरीली हुई इसके लिए शहर के कुल नौ स्थानों (अलीगंज, विकासनगर, इंदिरानगर, गोमती नगर, चारबाग, अमीनाबाद, चौक, आलमबाग, अमौसी) पर प्रदूषण की नापजोख की। रिपोर्ट के अनुसार,  राहत की बात यह रही कि इस वर्ष बीते साल के मुकाबले प्रदूषण और शोर कुछ कम रहा। बावजूद इसके हवा में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 व 2.5 मानक के मुकाबले बहुत अधिक पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार दीपावली के दिन पीएम 2.5 के स्तर में जहां 117.6 फीसद का इजाफा दर्ज हुआ वहीं पीएम 10 के स्तर में 129.1 फीसद की वृद्धि रिकार्ड की गई। यही नहीं सल्फर डाइ आक्साइड का औसत मान भी दीपावली पर 12.9 से 35.7 फीसद तक बढ़ गया।

बीते वर्ष के मुकाबले 29 फीसद कम हुआ प्रदूषण

आइआइटीआर के अनुसार बीते वर्ष के मुकाबले पीएम 2.5 का स्तर इस दीपावली पर 49 फीसद कम रहा। यही नहीं पीएम 10 में भी 46 फीसद की कमी आई। आइआइटीआर के निदेशक प्रो. आलोक धावन के अनुसार संस्थान लोगों को पटाखों से होने वाले नुकसान के लिए लगातार जागरूक करता रहा है। इसी का नतीजा है कि लोग अब पटाखों से दूरी बनाने लगे हैं। इसी का नतीजा है कि बीते साल के मुकाबले इस वर्ष प्रदूषण स्तर में कमी रिकार्ड की गई।

चारबाग सबसे अधिक प्रदूषित

दीपावली के दिन चारबाग सबसे अधिक प्रदूषित रहा। यहां पीएम 10 व 2.5 का स्तर सर्वाधिक रिकार्ड हुआ। दूसरे स्थान पर विकास नगर व तीसरे स्थान पर अमीनाबाद रहे। खास बात यह रही कि दीपावली के बाद दूसरे ही दिन प्रदूषण स्तर में खासी कमी दर्ज की गई। साफ है कि पटाखों से प्रदूषण में जबर्दस्त इजाफा होता है।

इंदिरा नगर में सबसे ज्यादा रही पटाखों की धूम

दीपावली के दिन पटाखों से होने वाले शोर की नापजोख के लिए कुल सात स्थानों पर अलग-अलग समय पर शाम सात बजे से आधी रात के बीच नापजोख की गई। इंदिरा नगर पटाखों के शोर में अव्वल रहा। यहां शोर 82.1 डेसीबल रिकार्ड हुआ। वहीं अमीनाबाद में शोर सबसे कम 71.3 डेसिबल रिकार्ड हुआ। वैज्ञानिकों के अनुसार 80 डेसिबल से अधिक का शोर कानों को अस्थायी या स्थायी रूप से प्रभावित कर सकता है।

कल से साफ हो जाएगा मौसम, बदली के चलते तापमान में हुई वृद्धि

बीते तीन-चार दिन से राजधानी सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में बदली का मौसम बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को मौसम लगभग साफ हो जाएगा। बदली के चलते ही तापमान में भी वृद्धि हुई है। बादल छंटने से तापमान में फिर गिरावट होगी।

मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में जो सर्कुलेशन बना हुआ है उसके चलते राजधानी सहित आसपास इलाकों में बादलों की आवाजाही रही। दीपावली के दिन तो लगा कि कहीं बारिश न हो जाए। हालांकि फिर मौसम साफ हो गया। बुधवार को बदली रहेगी लेकिन गुरुवार से मौसम लगभग साफ हो जाएगा। मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 30.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। वहीं न्यूनतम तापमान 19.1 रिकॉर्ड हुआ। वायुमंडल में आद्र्रता 92 फीसद रही। बुधवार को भी अधिकतम तापमान 30 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।

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