पक्षियों के झ़ुंड लड़ाकू विमानों के लिए बन गए बड़ा खतरा, जाने पूरी वजह….

राफेल आ रहा है इसलिए अपने घरों की छतों पर पक्षियों के लिए दाना-पानी नहीं रखें अन्‍यथा बड़ी मुसीबत हो सकती है। जी हां, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान राफेल के आने से पहले सियासी तूफान मचा तो अब पक्षियों ने हैरान-परेशान कर दिया है। लड़ाकू विमानों को पक्षियों से खतरे को देखते हुए इससे निपटने की कोशिश शुरू हो गई है। पिछले दिनों जगुआर फाइटर प्‍लेन का पक्षियों के कारण हादसा का शिकार होने के बाद अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन के अफसरों की चिंता बढ़ गई है। एयरफोर्स अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए स्थानीय लोगों से मदद मांगी है। वायुसेना ने लाेगों से अपील की है कि अपने घर की छत पर खाने का कोई सामान न रखें। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी इस बारे में कदम उठाने को कहा है।

पक्षियों के झुंड के कारण जगुआर हो चुका है हादसे का शिकार

एयरफोर्स स्‍टेशन के आसपास के क्षेत्र में घरों की छताें पर दाना-पानी होने की वजह से पक्षी मंडराते हैं। ऐसे में ये विमान के सामने आ जाते हैं। पिछले दिनों जगुआर विमान इसी कारण हादसे का शिकार हो गया था। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन की सीमा के 100 मीटर के दायरे में ही करीब ढाई सौ मकान आबाद हो गए। वर्क्‍स ऑफ डिफेंस एक्ट 1903 के तहत एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर दायरे में कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता। ये निर्माण कब हटेंगे, यह तो अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन, सितंबर में राफेल की तैनाती जरूर करनी है, इसलिए अभी से तैयारी की जा रही है।

एयरफोर्स ने स्थानीय प्रशासन को भेजा पत्र शिकायत, खुद भी कर रहा जागरूक, ट्वीटर कर दिखाया  खतरा

जगुआर मामले में भारतीय वायुसेना ने अपने ट्वीटर हैंडल पर वीडियो अपलोड किया था। जगुआर ने दो अतिरिक्त फ्यूल टैंक तथा कैरियर बॉम्ब लाइट स्टोर (सीबीएलएस) के साथ अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी थी। वीडियों में साफ दिखा है कि उड़ान भरने के कुछ सेकेंड बाद ही जगुआर के सामने पक्षियों का एक झुंड आ गया, जिसके चलते पायलट को फ्यूल टैंक गिराने पड़े। पक्षियों को फाइटर प्लेन के लिए खतरा बताया गया।

अंबाला एयरबेस पर पिछले दिनों जगुआर विमान के हादसे का शिकार होने के बाद का दृश्‍य।

एयरबेस को किया जा रहा है अपग्रेड

अंबाला एयरबेस रणनीतिक लिहाज से काफी अहम है। यह पाकिस्तानी सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। राफेल के लिए अंबाला एयरबेस को अपग्रेड किया जा रहा है। 14 नए शेल्टर्स बनाए जा रहे हैं, नए हैंगरों, नए संचालन स्थलों, एक डी-ब्रीङ्क्षफग कक्ष और सिमुलेटर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। अपग्रेडेशन कार्य के लिए फ्रांस की टीम दौरा भी कर चुकी है।

एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है राफेल

फ्रांस और भारत के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारत को 36 राफेल विमान दिए जाने हैं। इनमें 18 अंबाला एयरबेस पर रखे जाएंगे। दो इंजन वाले इस लड़ाकू विमान में एक या दो पायलट बैठ सकते हैं। ऊंचे इलाकों में लडऩे में माहिर यह विमान एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। अधिकतम भार ढोने की क्षमता 24500 किलोग्राम है।

2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं

इस लड़ाकू विमान के दोनों तरफ से 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले एक मिनट में दागे जा सकते हैं। विमान की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर है। यह 1900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है।

विमानों को पक्षियों से खतरा

एयरफोर्स स्टेशन के साथ बने मकानों से आमतौर पर शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य सामग्री खाली स्थान में डाल दिया जाता है। इससे पक्षी वहां मंडराते रहते हैं। घरों की छतों पर भी खाद पदार्थ डाल दिए जाते हैं। बताते हैं कि पक्षी जब किसी तरह इंजन तक पहुंच जाते हैं तो एक इंजन बंद हो जाता है। दूसरे इंजन के चालू रहने पर रफ्तार कम होती है और इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ती है।

वायुसेना ने की शिकायत

लड़ाकू विमानों को पक्षियों से होने वाले खतरे बढ़ रहे हैं। भारतीय वायुसेना ने स्थानीय प्रशासन को शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है कि कुछ स्थानीय लोग अपने घरों में कबूतरों का प्रजनन करा रहे हैं। ये वायुसेना के हवाई क्षेत्र के करीब हैं। ये पक्षी हमारे लड़ाकू जेट विमानों के लिए खतरा बन रहे हैं। हवाई क्षेत्र के आसपास, किसी को भी कबूतरों के प्रजनन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

मई 2020 तक अंबाला पहुंचेंगे 19 राफेल

सितंबर माह में अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर एक राफेल विमान पहुंचेगा। बाकी 18 राफेल लड़ाकू जेट मई 2020 तक मिल जाएंगे। इन लड़ाकू जेट विमानों को यहां 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा।

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