पंजाब में सीएम मान ने नशों के खिलाफ छेड़ा महायुद्ध

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया कि अगले 6 महीनों में पंजाब पूरी तरह से नशा मुक्त हो जाएगा क्योंकि सरकार ने पूरी शक्ति के साथ नशों के खिलाफ महायुद्ध छिड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने ठान लिया है कि पंजाब को नशा मुक्त बनाना है और इसके लिए सरकार पूरी जी जान से जुटी हुई है। मुख्यमंत्री ने आज कहा कि पंजाब सरकार को नशों के खिलाफ महायुद्ध छेडऩा में 3 वर्ष का समय इसलिए लग गया क्योंकि सरकार अपनी तैयारियों के साथ मैदान में उतरना चाहती थी।

मुख्यमंत्री ने आज कुछ चैनलों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि इस सरकार यह अध्ययन कर रही थी कि नशा तस्करों के साथ पुलिस की मिलीभगत कितनी है और साथ ही सरकार नशा छुड़ाओ केंद्र बनाना चाहती थी । हम यह नहीं चाहते थे कि सरकार नशों के खिलाफ युद्ध शुरू कर दें और उसके बाद नौजवानों का इलाज न हो सके।

उन्होंने कहा कि सरकार ने नशों के खिलाफ जंग शुरू करते ही सबसे पहले पुलिस थाना स्तरों पर अदला बदली का काम शुरू किया क्योंकि वर्षों से पुलिस मुलाजिम एक ही पुलिस थानों में बैठे हुए थे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अब राज्य के माथे पर लगा यह कलंक धोने जा रही है कि उड़ता पंजाब से ही पंजाब की पहचान हो। अब पंजाब की पहचान शिक्षित पंजाब से होगी। पहली बार सरकारी स्कूलों के 805 बच्चे नीट , 446 बच्चे जे.ई मे,44 बच्चे अडवांस जे.ई में चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि नशों के मामले पर हमें सफलताएं मिली है परंतु भ्रष्टाचार को अभी खत्म करने में समय लग सकता है उसके लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पंचायतें रोजाना प्रस्ताव पास करके सरकार को भेज रहे हैं जिसमें वह दावा करती है कि कोई भी नशा बेचने वाला उनके गांवों में प्रवेश नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब अब सुरक्षित हाथों में है और पंजाबियों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम किसानों के बच्चे हैं जिन्होंने गरीबी देखी है। उन्होंने कहा कि अब वह राजनेता नहीं है जिन्हें यह पता ही नहीं होता कि उनके पास कितनी दौलत है।

मुख्यमंत्री ने एक अकाली नेता का जिक्र करते हुए कहा कि कि उन्हें जेल में वी.आई.पी. ट्रीटमैंट नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में बदले की भावना से कोई काम नहीं किया है क्योंकि जो भी नशों में संलिप्त होगा चाहे वह सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का राजनेता क्यों न हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। सरकार नर्सों को लेकर पूरी तरह से जीरो टोलरैंस नीति पर अमल कर रही है।

उन्होंने कहा कि राजा वडिंग जैसे कांग्रसे नेता अफीम या अन्य नशों की छूट देने की वकालत करते हैं क्योंकि उनके पड़ोसी राज्य से यह नशीले पदार्थ पंजाब में आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तंदुरुस्त पंजाब बनाना चाहते हैं हम किसी को अफीम या भुक्की की आदत डालना नहीं चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 10 वर्षों में वह पंजाब को बोहोत आगे जाते हुए देख रहे हैं । पंजाब के 10-15 खिलाड़ी तो ओलंपिक में मेडल स्तर पर पहुंचे होंगे और इसी तरह से पंजाब के वैज्ञानिकों का चयन नोबल पुरस्कार के लिए होगा। उन्होंने कहा कि वो इस इस समय हमारे लिए गर्व की बात है कि भारतीय क्रिकेट टीम, महिला क्रिकेट टीम,फुटबॉल और बैडमिंटन टीमों के कप्तान पंजाबी है। उन्होंने कहा कि जैसे ही पंजाब से नशा खत्म होगा तो पंजाबी नौजवान अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए दिखाई देंगे।

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