पंजाब में बढ़ा खतरा: हर 10वां व्यक्ति मधुमेह का शिकार

पंजाब में मधुमेह का खतरा बढ़ता जा रहा है और हर 10वां व्यक्ति इसका शिकार है। असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी मधुमेह के प्रमुख कारण हैं। वर्ष 2025-26 में अब तक 2.40 लाख केस सामने आ चुके हैं जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार खानपान की अनदेखी व स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है जिस कारण मधुमेह से अब युवा वर्ग भी प्रभावित हो रहा है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 25.95 लाख लोगों की जांच की गई और इसमें से 2.40 लाख लोग मधुमेह से पीड़ित पाए गए जिनका इलाज चल रहा है। प्रदेश में कुछ साल से मधुमेह के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2023-24 में विभाग ने 6.71 लाख लोगों की जांच की जिसमें से 86,744 लोग मधुमेह से पीड़ित पाए गए। इसी तरह वर्ष 2024-25 में 37.65 लाख लोगों की जांच की गई थी जिसमें से 2.28 लाख लोग मधुमेह का शिकार पाए गए।
मंत्रालय के अनुसार बीमारियों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास, स्क्रीनिंग और समय पर इलाज आदि पहल शामिल होती हैं जिसके तहत 770 जिला क्लीनिक, 233 कार्डियक केयर यूनिट और 6,410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्लीनिक स्थापित किए गए हैं।
पड़ोसी राज्यों में भी स्थिति खराब
पड़ोसी राज्यों में भी स्थिति खराब है जिस कारण बाकी राज्यों ने भी स्क्रीनिंग बढ़ा दी है। हरियाणा ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान पंजाब से ज्यादा कुल 31.04 लाख मरीजों की जांच की जिसमें से 2.11 लाख लोग मधुमेह से पीड़ित पाए गए। हालांकि हिमाचल प्रदेश में स्थिति थोड़ी बेहतर है। हिमाचल सरकार ने कुल 15.62 लाख लोगों की जांच की जिसमें 68,498 लोगों में मधुमेह की बीमारी सामने आई है जिनका नियमित रूप से इलाज जारी है।
मधुमेह होने के प्रमुख कारण
तंबाकू और शराब का सेवन
अतिरिक्त वजन मधुमेह के जोखिम को बढ़ाता है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा मीठा, प्रोसेस्ड फूड और खराब खानपान।
मानसिक तनाव से ब्लड शुगर प्रभावित होता है।
उच्च रक्तचाप भी मधुमेह का कारण बन सकता है।
मधुमेह के लक्षण
अत्यधिक थकान का महसूस करना।
अधिक प्यास लगना।
बार-बार पेशाब आना
अचानक वजन कम होना
चोट लगने पर ठीक होने में अधिक समय लगना
बार-बार संक्रमण होना
खतरनाक हो सकता मधुमेह
जिन लोगों के माता-पिता या भाई-बहन को टाइप-1 डायबिटीज रही है उनमें टाइप-1 डायबिटीज विकसित होने का खतरा अधिक होता है। टाइप-2 डायबिटीज लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी से संबंधित मानी जाती है। मधुमेह की स्थिति हृदय रोग, किडनी की बीमारी, दृष्टि से संबंधित समस्या, तंत्रिका और रक्त वाहिकाओं की कमजोरी जैसी जटिलताओं का कारण हो सकती है। टाइप-1 डायबिटीज के रोगियों को जीवन भर इंसुलिन शॉट्स की आवश्यकता हो सकती है वहीं लाइफस्टाइल और आहार में सुधार करके टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।





