पंजाब में खाली प्लाटों के मालिकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

अमृतसर: कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत एडिशनल कमिश्नर सुरिंदर सिंह द्वारा नगर निगम अमृतसर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की गई। इस दौरान एडिशनल कमिश्नर ने सैनिटरी विभाग द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों में खाली पड़े उन प्लॉटों की समीक्षा की, जिनमें कूड़ा-कर्कट और गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और जहां गंदा पानी जमा हो रहा है। उन्होंने इन प्लॉटों के खिलाफ की गई कार्रवाई और काटे गए चालानों व जुर्मानों की रिपोर्ट भी मांगी। इस बैठक में स्वास्थ्य अधिकारी डा. योगेश अरोड़ा, ए.एम.ओ.एच. डा. रमा, चीफ सैनिटरी अधिकारी मलकित सिंह, रणजीत सिंह, चीफ सैनिटरी इंस्पैक्टर सर्बजीत सिंह, विजय गिल और सभी सैनिटरी इंस्पैक्टर उपस्थित थे।

एडिशनल कमिश्नर सुरिंदर सिंह ने बताया कि शहर में कई स्थानों पर अलग-अलग व्यक्तियों के कब्जे या स्वामित्व में खाली पड़े प्लॉटों में कूड़ा-कर्कट, गंदगी और गंदा पानी जमा रहता है, जिससे तरह-तरह के हानिकारक कीटाणु और जीव उत्पन्न होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलाते हैं। इस प्रकार की स्थिति शहरवासियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर और जानलेवा खतरा बनती जा रही है। इन बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए इन खाली पड़े प्लॉटों की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में डिप्टी कमिश्नर अमृतसर द्वारा नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत अमृतसर जिले की सीमा में निजी स्वामित्व / कब्जे वाले खाली पड़े प्लॉटों में कूड़े, गंदगी और गंदे पानी के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु नगर निगम को उचित कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इन प्लॉटों के मालिकों के चालान काटने को कहा गया था।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि इन प्लॉट मालिकों के विरुद्ध जनस्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचाने के आधार पर नियमों के अनुसार जुर्माना और कानूनी कार्रवाई करते हुए मामले दर्ज किए जाएं और यदि इन प्लॉटों की सफाई नगर निगम द्वारा करवाई जाती है तो उसकी लागत संबंधित कब्जाधारी/मालिक से वसूल की जाएगी।

एडिशनल कमिश्नर ने शहरवासियों से अपील की कि जिनके भी शहर में खाली प्लॉट हैं, वे उनमें पड़े कूड़े-कर्कट/गंदगी और बारिश का जमा गंदा पानी तुरंत अपने स्तर पर साफ करवाएं, साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि इन प्लॉटों के चारों ओर पक्की दीवार या कांटेदार तार लगाई जाए, ताकि भविष्य में वहां फिर से गंदगी न फैले।

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