पंजाब में कांग्रेस की इस रणनीति के कारण करना होगा उपचुनाव का सामना
लोकसभा चुनाव के परिणाम 23 मई को चाहे जो भी आएं, लेकिन दो महीने बाद भी पंजाब के लोगों को चुनाव से छुटकारा नहीं मिलेगा। संसदीय चुनाव के बाद विधानसभा के उपचुनाव भी करवाए जाएंगे। संसदीय चुनाव में खड़ा करने के लिए न तो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को सशक्त उम्मीदवार मिल रहे हैं और न ही शिरोमणि अकाली दल को। दोनों पार्टियां विधायकों को मैदान में उतारने की तैयारी में हैैं।
मंत्रियों व विधायकों को उम्मीदवार बनाने की तैयारी, विधानसभा उपचुनाव को भी तैयार रहें पंजाब के वोटर
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के दाखा से विधायक एचएस फूलका विधायक पद व पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैैं। ऐसे में विधानसभा के उपचुनाव होने तय हैं क्योंकि विधायक यदि सांसद बन जाएंगे तो सीट खाली हो जाएगी। शिरोमणि अकाली दल के नेताओं द्वारा पार्टी प्रधान सुखबीर बादल पर फिरोजपुर से उतरने के लिए खासा दबाव पड़ रहा है। उनका इस सीट पर उतरना लगभग तय ही है।
संगरूर सीट पर भी पूर्व वित्तमंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। इस सीट पर लंबे समय से ढींडसा परिवार लड़ता आ रहा है। सुखदेव ढींडसा पिछला चुनाव आम आदमी पार्टी के भगवंत मान से हार गए थे। 2009 में भी उन्हें कांग्रेस के विजय इंदर सिंगला के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस हलके में पड़ती विधानसभा की सीट सुनाम का परमिंदर ढींढसा चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार वह लहरागागा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
अकाली दल भी दे सकता है विधायकों को दे लोकसभा चुनाव का टिकट
इसी सीट पर कांग्रेस भी लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला को टिकट देकर हाथ आजमाना चाहती है। सिंगला की पिछले चुनाव में जमानत तक जब्त हो गई थी, लेकिन इस समय उनसे सशक्त उम्मीदवार पार्टी को वहां कोई दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार के एक सीनियर मंत्री ने भी इसकी पुष्टि की है।
इसी तरह बठिंडा सीट पर भी कांग्रेस से मनप्रीत बादल और गिदड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग का नाम चल रहा है। मनप्रीत पहले भी इस सीट पर अकाली दल की हरमिसरत कौर बादल को चुनौती दे चुके हैं। पिछला चुनाव वह मात्र 18 हजार वोट से हार गए थे। फिरोजपुर सीट से राणा गुरमीत सिंह सोढी ने भी दावा किया हुआ है। वह इस समय गुरुहरसहाय से मंत्री हैं। इसके अलावा खडूर साहिब सीट पर भी दो विधायकों हरमिंदर सिंह गिल और रमनजीत सिंह सिक्की को तैयार रहने को कहा गया है।
प्रमुख पार्टियां नहीं खोल रहीं पत्ते
आम आदमी पार्टी से अलग हुए विधायक सुखपाल खैहरा भी बठिंडा से संसदीय चुनाव के लिए खड़े हो गए हैं। इसके अलावा जैतो से विधायक मास्टर बलदेव सिंह भी उनके साथ हो लिए हैं। दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस व शिअद ने किस सीट पर कौन सा प्रत्याशी खड़ा करना है, इसके पत्ते अभी नहीं खोले हैं। दोनों ही एक दूसरे के उम्मीदवारों की घोषणा होने का इंतजार कर रहे हैं।