पंजाब के किसानों के लिए प्रशासन का बड़ा कदम

गुरदासपुर: डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह के निर्देशों के तहत ज़िला प्रशासन गुरदासपुर ने किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक और नई पहल की है। इसके तहत जिन किसानों ने पहले भी फसल अवशेषों (पराली) को नहीं जलाया था और इस बार भी पराली को आग न लगाने का संकल्प लिया है, उन अग्रणी किसानों को ज़िला प्रशासन की ओर से आज सी.आर.एम. योजना के तहत टी-शर्टें वितरित की गईं। इन टी-शर्टों पर “फसल अवशेषों को आग न लगाएं” का संदेश देने वाला लोगो छपा हुआ है।

डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह ने ज़िले के अग्रणी किसानों को टी-शर्टें वितरित करते हुए कहा कि वे ज़िला प्रशासन द्वारा पराली प्रबंधन के लिए चलाई जा रही जागरूकता मुहिम के ब्रांड एंबेसडर बनें। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार के निर्देशों के तहत जहां ज़िला प्रशासन हर गांव तक पहुंचकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहा है, वहीं अग्रणी किसान भी अपने साथी किसानों को प्रेरित करें ताकि यह मुहिम सफल हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम जल्द ही सामने आएंगे। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवा रही है और कृषि विभाग द्वारा हर गांव में उपलब्ध कृषि उपकरणों की मैपिंग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के पास पराली प्रबंधन के उपकरण नहीं हैं, वे कृषि विभाग से संपर्क करके यह उपकरण प्राप्त कर सकते हैं। डिप्टी कमिश्नर ने ज़िले के सभी किसानों से अपील की कि वे धान की पराली को बिल्कुल भी आग न लगाएं।

उन्होंने कहा कि जो किसान पराली को आग नहीं लगाएंगे, उन्हें ज़िला प्रशासन की ओर से विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) डॉ. हरजिंदर सिंह बेदी ने कहा कि पराली जलाना जहां हमारे पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है, वहीं इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि किसान फसल अवशेषों को जलाने की बजाय खेत में मिलाकर अगली फसल की बुवाई करें, तो इससे उपज भी अधिक होती है। डॉ. बेदी ने बताया कि वे स्वयं गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों का बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है और हम सब मिलकर ज़िले में पराली जलाने की बुरी प्रवृत्ति को अवश्य रोकने में सफल होंगे। इस अवसर पर उपस्थित अग्रणी किसानों ने ज़िला प्रशासन द्वारा पराली प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे प्रशासन के साथ हैं और वे गांव-गांव जाकर किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए प्रेरित करेंगे।

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