पंजाब के कई नेता विजिलेंस के निशाने पर: खतरे में कई नेताओं की कुर्सी

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन में है। जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा के बाद अब कई बड़े नेताओं की पूरी फाइल तैयार कर ली है, जिन्होंने निगम के नोटिस का खेल खेलकर लाखों करोड़ों के वारे न्यारे किए हैं। पंजाब में यह खेल लुधियाना, जालंधर व अमृतसर में जमकर खेला गया है।

दरअसल, 2013 में पंजाब में मास्टर प्लान लागू हो गया था। लिहाजा नगर निगम के अधीन कोई भी दुकान का निर्माण तभी हो सकता है, जब तक उसके आगे 60 फीट चौड़ी रोड न हो। शहरों में बाजारों की सड़कें काफी तंग हैं और बहुत कम सड़कें ऐसी होंगी, जो 60 फीट चौड़ी हैं। इसी का फायदा धंधेबाजों ने उठाया। अगर कोई दुकान का निर्माण करे, तो उसको नोटिस भेजा जाता है। फिर इसकी आड़ में वसूली का खेल खेला जाता है।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने जालंधर के विधायक रमन अरोड़ा व एटीपी सुखदेव को गिरफ्तार कर अपने इरादों से अवगत करवा दिया है कि ब्लैकमेलिंग अब बर्दाश्त नहीं होगी। पार्टी की तरफ से कई नेताओं की सूची तैयार की गयी है, जिनको या तो पदमुक्त किया जा सकता है या फिर उनको कुर्सी से हटाया जा सकता है। जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद नेताओं में हड़कंप मच गया है। इसके अलावा नगर निगम में तैनात एटीपी ने अपनी चालान कापियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है।

ड्राफ्ट्समैन को एटीपी का चार्ज किसने दिया
सवाल उठ रहे हैं कि निगम में ड्राफ्ट्समैन को एटीपी क्यों लगाया जाता रहा है और पंजाब में कौन कौन से जिले में छोटे पदों पर तैनात मुलाजिमों को एटीपी की कुर्सी दी गई है? इसकी उच्चस्तरीय जांच चल रही है। दअसल, 20 जनवरी 2025 को पंजाब के कार्मिक विभाग की तरफ से सरकारी पत्र लिखा गया था कि पत्र संख्या नंबर 1-336 दिनांक 2 सितंबर, 2024 को लिखा गया था कि किसी भी कर्मचारी को करंट ड्यूटी चार्ज दिया जा रहा है। इसको तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए, लेकिन पैसे के खेल के कारण कई छोटे मुलाजिमों को बड़ी कुर्सियों पर बैठाकर करंट डप्टी चार्ज दिया जा रहा था। अब विजिलेंस इसकी जांच भी कर रही है कि एक ड्राफ्ट्समैन को एटीपी का चार्ज किसने दिया था?

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