नोटबंदी से लगे झटके के बाद भारत का जॉब मार्केट एक बार फिर , बंपर भर्ती के संकेत

नोटबंदी से लगे झटके के बाद भारत का जॉब मार्केट एक बार फिर ग्रोथ के मूड में है। टीमलीज सर्विसेज, एबीसी कंसल्टेंट्स, क्वेस कॉर्प, एंटल इंटरनशनल, पीपलस्ट्रॉन्ग, द हेडहंटर्स समेत कई रिक्रूटमेंट और स्टाफिंग फर्मों का कहना है कि उन कंपनियों का भरोसा लौट रहा है, जिन्होंने हायरिंग में कटौती की थी या इसे टाल दिया था। बैंकिंग, कन्जयूमर, इंफ्रास्ट्रक्चर, रिटेल और इंजिनियरिंग जैसे सेक्टरों में जॉब की मांग देखने को मिल रही है।

कंपनियों के मुताबिक, नए फाइनैंशल इयर के पहले क्वॉर्टर में हायरिंग में 40-50 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है, जबकि नोटबंदी के बाद इसमें भारी गिरावट आ गई थी।नोटबंदी से लगे झटके के बाद भारत का जॉब मार्केट एक बार फिर , बंपर भर्ती के संकेतरिक्रूटमेंट फर्म एंटल इंटरनैशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर जोसेफ डी ने बताया, ‘हमसे बात करने वाली 90 फीसदी कंपनियां हायरिंग को लेकर आशावान हैं।’ उन्होंने कहा कि नवंबर-दिसंबर में भर्तियों के मामले में माहौल सूखा पड़ने के बाद जनवरी के शुरू में हालात बेहतर होने शुरू हुए हैं। मार्केट में कैश की धीरे-धीरे वापसी हो रही है और लोगों का खर्च बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘अप्रैल-जून क्वॉर्टर में हमारी वापसी होगी। अग्रीकल्चर से जुड़ी इंडस्ट्रीज की अगुवाई में हायरिंग में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी।’

क्वेस कॉर्प के प्रेजिडेंट, पीपल ऐंड सर्विसेज गुरुप्रसाद श्रीनिवासन भी इससे सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘अगले फाइनैंशल इयर का पहला क्वॉर्टर जॉब मार्केट के लिहाज से काफी अच्छा दिख रहा है। नोटबंदी में हायरिंग की स्थिति खराब होने की तुलना में अब हमें इसमें 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी दिख रही है और आगामी क्वॉर्टर में यह आंकड़ा बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंच जाने की उम्मीद है।’

एंट्री लेवल से सीनियर सहित तमाम स्तरों पर हायरिंग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। द हेड हंटर्स इंडिया के सीईओ कृष लक्ष्मीकांत का कहना है कि उन्हें अगले फाइनैंशल इयर के पहले क्वॉर्टर में मिड-लेवल हायरिंग में 40 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया, ‘नवंबर से जनवरी के मध्य तक ज्यादातर कंपनियों ने तात्कालिक तौर पर हायरिंग को टाल दिया था ताकि रेवेन्यू टारगेट को हासिल करने में दिक्कत नहीं आए। अब चीजें धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं।’

हायरिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि जॉब मार्केट में रिकवरी एफएमसीजी, रिटेल, फार्मा, बैंकिंग और ऑटो जैसे सेक्टरों की अगुवाई में होगी। ट्रंप फैक्टर के कारण इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी सेक्टर में सुस्ती आ रही है, लेकिन यहां भी कई जगहों पर उम्मीद की किरण है।

श्रीनिवासन ने कहा, ‘फाइनैंशल इयर 2018 का पहला क्वॉर्टर आईटी से जुड़े डिजिटल और मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों के लिए लिए अच्छा नजर आ रहा है।’ टीमलीज सर्विसेज की एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट ऋतुपर्णा चक्रबर्ती ने कहा कि फाइनैंशल टेक्नॉलजी, डिजिटल पेमेंट्स, पेमेंट बैंक, लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टर भी हायरिंग बढ़ा सकते हैं।

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