नोटबंदी पर हंगामे के बाद पीएम मोदी ने लिया सबसे बड़ा एक्शन

नोटबंदी पर सड़क से संसद तक हंगामा देख मोदी सरकार भी एक्शन में आ गई है। विपक्ष भी लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है। बुधवार को तो 200 सांसदों ने मोदी सरकार के खिलाफ पार्लियामेंट में धरना भी दिया।

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गुरुवार को पीएम ने फैसला लिया है कि वो राज्यसभा में जाएंगे। बता दें कि राज्यसभा में ही विपक्ष सरकार को घेर रहा है।  इससे पहले बुधवार को लोकसभा में नोट बंदी पर सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध के दूर होने की थोड़ी संभावना तब नजर आई जब प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में दिखे। हालांकि कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने की मांग को ले कर वेल में पहुंच कर नारेबाजी करने लगे।  
इस दौरान पीएम मोदी चुपचाप हंगामे को देखते सुनते रहे और करीब 10 मिनट तक सदन में रहने के बाद बाहर निकल गए। हंगामे और नारेबाजी के बीच ही सूचना प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू की विपक्ष से तीखी नोकझोंक हुई।
नायडू ने कहा कि विपक्ष ने हंगामा करने को अपनी आदत बना लिया है। जवाब में विपक्ष ने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री कार्यवाही शुरू होने से कुछ पल पहले ही सदन में पहुंचे। इसी बीच संसद भवन परिसर में नोट बंदी के फैसले के खिलाफ एकजुट प्रदर्शन करने वाले विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्ष के कई नेताओं ने तत्काल प्रधानमंत्री के बयान की मांग की। मगर प्रधानमंत्री चुपचाप बैठे रहे और हंगामे का नजारा लेते रहे। 
इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। सरकार खुद इस फैसले के सभी पहलुओं पर चर्चा करना चाहती है। जबकि विपक्ष ऐसा नहीं चाहता। इस पर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडग़े ने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चर्चा के लिए तैयार है तो कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार क्यों नहीं कर रही?
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