नेपाल का शक्ति संतुलन सब कुछ खाक करने के बाद देश को नए कानून से संवारना चाहते हैं युवा

दो दिन में हमने जो हिंसक विरोध प्रदर्शन देखे हैं, वे अब शायद न हों, लेकिन हम देश में नए नियम-कानून चाहते हैं। हम चाहते हैं कि युवा अपने देश में काम कर सकें। इसलिए जेन-जी विरोध प्रदर्शन हुए। अब, केपी ओली भाग गए हैं, भ्रष्ट नेता भाग गए हैं, अब हमें एक नए नेता की जरूरत है।
सरकारी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नेताओं के बच्चों की विलासितापूर्ण जीवनशैली के विरोध में दो दिन में सबकुछ खाक में मिला देने पर आमादा युवा अब नए नियमों और कानून से नेपाल को संवारना चाहते हैं। वे ऐसा नेपाल चाहते हैं, जिसमें भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पूरी कानूनी व्यवस्था हो, साथ ही युवाओं को काम करने का अधिक अवसर मिले। इसी कोशिश में कुछ युवा क्षतिग्रस्त हुई इमारतों की साफ सफाई और कांच के टुकड़ों और मलबों को हटाने के लिए सड़कों पर उतरे।
आंदोलनकारियों ने कहा, दो दिन में हमने जो हिंसक विरोध प्रदर्शन देखे हैं, वे अब शायद न हों, लेकिन हम देश में नए नियम-कानून चाहते हैं। हम चाहते हैं कि युवा अपने देश में काम कर सकें। इसलिए जेन-जी विरोध प्रदर्शन हुए। अब, केपी ओली भाग गए हैं, भ्रष्ट नेता भाग गए हैं, अब हमें एक नए नेता की जरूरत है। इनका यह भी कहना है, बेहतर अवसर की तलाश में प्रतिदिन लगभग पांच हजार से अधिक युवा नेपाल छोड़ रहे हैं। वे चाहते हैं कि ऐसी व्यवस्था बने जिससे युवाओं को अपना देश छोड़कर न जाना पड़े, उन्हें अपने देश में ही काम करने का अवसर मिले।
आंदोलनकारी संस्थागत भ्रष्टाचार व शासन में पक्षपात को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक जवाबदेह और पारदर्शी हो। वे सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास मानते हैं। उनका कहना है, देश में अभी हालात अच्छे नहीं हैं। हम चाहते हैं, ऐसा व्यक्ति पीएम बने जो देश के लिए बेहतर करे।
हिंसक प्रदर्शन के बाद काठमांडt में वीरानी छाई है। दफ्तर और दुकानें बंद हैं और सड़कों पर सेना और सुरक्षा बलों के वाहनों के सायरन की गूंज सुनाई देती है। आम लोग घरों में कैद हैं और आवश्यक सामान वाले वाहनों को ही आने-जाने की अनुमति है। इस बीच, कुछ आंदोलनकारी सड़कों पर उतरे हैं, लेकिन धरना-प्रदर्शन या विरोध के लिए नहीं, बल्कि प्रदर्शन के दौरान क्षतिग्रस्त हुई इमारतों की साफ सफाई और सड़कों पर फैले कांच के टुकड़ों और मलबों को हटाने के लिए।
वायरल वीडियो में कई युवक हाथों में झाड़ू लिए संसद के आसपास के क्षेत्र में सफाई करते नजर आए। एक युवक ने कहा, हम सड़कों पर चल रहे सफाई अभियान के लिए आए हैं, जहां विरोध प्रदर्शन हुए थे।
भारत से सटे नेपाल के रूपनदेही जिले के भैरहवा और बुटवल में पूर्व पीएम प्रचंड के मालिकाना हक वाले सुपर मार्केट में भी युवाओं ने आगजनी की। इसमे मंगलवार की रात लगाई गई आग बुधवार की दोपहर तक बुझ नहीं पाई। मार्ट के मैनेजर के यस न्योपने ने बताया कि युवाओं के साथ कुछ अराजक तत्व भी भीड़ में थे जो करीब पांच करोड़ का माल लूट ले गए हैं। इसके साथ ही होटल मोरया कैसिनो में युवाओं ने तोड़फोड़ की जिसमे संचालक ने बताया कि 33 लाख रुपये लूट लिए गए।
सांसदों का सामूहिक इस्तीफा
आंदोलन के निशाने पर नेता और राजनीतिक दल रहे। अब राजनीतिक दलों से सांसदों के सामूहिक इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। तीन पार्टियों के सांसद सामूहिक इस्तीफा दे चुके हैं। नेपाल की नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के सांसदों ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के चार सांसद थे। पार्टी ने संसद भंग करने की मांग की है। इससे पहले, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सांसदों ने भी सामूहिक रूप से संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14 सांसद थे।