जब पुलिस है Whatsapp पर बिजी, तो नीतीश कैसे बिहार को बनायेंगे गुजरात

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले शराबबंदी और नशा मुक्ति अभियान को लेकर पुलिस वाले कितने सतर्क हैं ये मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में देखने को मिला। मादक पदार्थों के उपयोग एवं उसके अवैध कारोबार को लेकर एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगभग 5 करोड़ लोगों को SMS के जरिए नशा मुक्ति के लिए जागरुक किया। लेकिन जब नीतीश कुमार द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत कर इसके बारे में कहा जा रहा था तभी बिहार पुलिस के अधिकारी अपने मोबाइल पर गेम खेलने और WhatsApp पर चैटिंग करने में व्यस्त थे। 
जब नीतीश बिहार को गुजरात बनाने की कर रहे थे बात, तबी पुलिस थी Whatsapp पर बिजी

दिन में जंगली चूहे छोड़ तो रात में नशीला पानी पिला-पिलाकर पापा रोज रात को मेरे साथ..

लापरवाह पुलिस वालों की ये करतूत कैमरे में कैद हो गई। जिसके बाद नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने में पुलिस वालों के दावों की पोल खुल गई। आपको बता दें कि कल मुख्यमंत्री सचिवालय में आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें सभी जिले के पुलिस पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था और इस आयोजन में लगभग सभी जिले के एसपी के साथ-साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और डीजीपी पीके ठाकुर भी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी अभियान को लेकर कुछ लोग इसे लिबर्टी से जोड़कर देखते हैं लेकिन ये लिबर्टी का विषय नहीं है। जब से गुजरात की स्थापना हुई है तब से वहां शराबबंदी लागू है। बिहार में शराबबंदी अभियान लागू करने के बाद कुछ लोग इसे फ्लॉप करने की फिराक में लगे हुए हैं। तो कुछ सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारी भी इस अभियान को फ्लॉप करने में संदिग्ध भूमिका दिखा रहे हैं। 

शराबबंदी अभियान पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि शराबबंदी से बिहार सरकार को लगभग 1 हजार करोड़ रुपए के राजस्व की कमी आई है। बिहार में 68% घरेलू और 9% विदेशी सैलानियों की संख्या में वृद्धि हुई है। बिहार छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों में शराबबंदी के लिए आंदोलन किए जा रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से साफ-साफ कहा कि सभी के ऊपर सख्ती बरतने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो नीचे के अधिकारी इसका दुरुपयोग करेंगे और इस मामले में अगर किसी भी तरह की कोई लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जो पदाधिकारी शराबबंदी अभियान को फेल करने की कोशिश करेगा वो खुद फेल हो जाएगा। लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा कही जा रही ये सभी बातें कुछ अधिकारियों के समझ में नहीं आ रही थी। इसी का नतीजा था कि वरिष्ठ अधिकारी उनके सामने ही मोबाइल में व्यस्थ थे। 

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