राबड़ी: नीतीश चाहते थे वो बने पीएम, तेजस्वी बने सीएम… इसलिए वो…

बिहार की मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव की बीवी राबड़ी देवी ने शनिवार को कहा है कि नीतीश कुमार वापस आना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि वह साल 2020 में तेजस्वी को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. इसके लिए वह चाहते थे कि हम लोग उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दें. उन्होंने कहा कि गठबंधन के खत्म होने के बाद भी प्रशांत किशोर 5 बार मिलने आए थे.

उन्होंने कहा कि अगर किशोर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात करने से इनकार करते हैं तो वह ‘‘सफेद झूठ’’ बोल रहे है. राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राबड़ी देवी ने कहा, मैं इससे बहुत नाराज हो गई और उनसे निकल जाने को कहा क्योंकि नीतीश के धोखा देने के बाद मुझे उन पर भरोसा नहीं रहा. राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी हैं. साल 2017 में नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गए थे.

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कर्मचारी-सुरक्षाकर्मी हैं सबूत

राबड़ी देवी ने कहा, हमारे सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने हमसे कम से कम पांच बार मुलाकात की। इनमें से अधिकांश तो यहीं (दस सर्कुलर रोड) पर हुईं और एक-दो मुलाकात पांच नंबर (पांच देशरत्न मार्ग-छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के आवास) पर हुईं. उन्होंने कहा, किशोर को नीतीश कुमार ने इस प्रस्ताव के साथ भेजा था – ‘दोनों दलों का विलय कर देते हैं और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करते हैं. वह दिन के उजाले में आए थे न कि रात में.

अनंत सिंह का लिया नाम

कुमार के इस दावे, कि राजद सुप्रीमो जेल से ही किशोर से बात करते रहे हैं, पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, यहां तक कि हम (परिवार के सदस्य) लोगों को भी उनसे (लालू प्रसाद) फोन पर बात करने का मौका नहीं मिलता है और अनंत सिंह के दावे का क्या जो कहते हैं कि उनके जेल में रहने के दौरान ललन सिंह (मंत्री) नीतीश से टेलीफोन पर बातचीत करवाते थे. माफिया डॉन से राजनीतिज्ञ बने मोकामा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले अनंत सिंह पहले कुमार के निकट थे पर 2015 के चुनाव से पहले उनके रिश्ते खराब हो गए.

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