नासा के इस अभियान को लेकर चिंतित हुआ अमेरिका, कहा एंटी-सैटेलाइट परीक्षण का मलबा हो जाएगा राख
ब्रिडेनस्टाइन से उलट अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक शनाहन ने 28 मार्च को मलबे से होने वाले खतरों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मलबा अपने आप वातावरण में ही जल जाएगा। गुरुवार के पेंटागन शनाहन के पूर्व में दिए आकलन के साथ खड़ा दिखाई दिया।
2007 में चीन ने अपने पोलर ऑर्बिट पर मौजूद एक सैटेलाइट को नष्ट कर दिया था। जिसके कारण इतिहास में अब तक के सबसे बड़े मलबे अतंरिक्ष में दिखे थे। सिक्योर वर्ल्ड फाउंडेशन के अनुसार अंतरिक्ष में 3,000 से ज्यादा बड़े टुकड़े थे। भारत के उच्च रक्षा वैज्ञानिक का कहना है कि मलबा 45 दिनों में जल जाएगा।
व्हाइट हाउस ने चेतावनी भरे लहजे में गुरुवार को कहा कि वह मलबे के खतरों को कम करने की कोशिश को लेकर दिए भारत सरकार के बयानों से अवगत है। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता गैरेट मार्किस ने कहा, ‘हम भारत के एसैट परीक्षण के शेष मलबे की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे ताकि आईएसएस के ऑर्बिट और मानव अंतरिक्षयात्रियों की गतिविधियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।’