नाग दर्शन कराने लाए सर्पों के मुंह इस बार भी सिले और चिपके हुए मिले, दांत भी टूटे थे

जबलपुर.नागपंचमी पर ऐसा पहली बार हुआ जब श्रद्धालु दिन भर घरों में नाग दर्शन और पूजन करने का इंतजार करते रहे, लेकिन न तो सपेरे की बीन सुनाई दी और न ही कोई सपेरा नाग लेकर ही आया। दरअसल वन विभाग के अमले ने नागपंचमी के पहले ही शहर के विभिन्न हिस्सों में अपनी टीम भेजकर ट्रेन और बसों से आने वाले सपेरों को सांपों के पिटारे सहित पकड़ लिया। जिसकी वजह से नागपंचमी पर श्रद्धालुओं को नागों के दर्शन दुर्लभ हो गए। हालांकि कुछ सपेरे चोरी-छुपे काॅलोनियों में घूमते नजर आए और उन्होंने चोरी-छुपे नागों के दर्शन श्रद्धालुआें को कराए।
नाग दर्शन कराने लाए सर्पों के मुंह इस बार भी सिले और चिपके हुए मिले, दांत भी टूटे थे
 
कई सांपों की हालत नाजुक
वन विभाग ने सपेरों से विभिन्न प्रजातियों के करीब एक सैकड़ा सांप, गोह व दुर्लभ जीव जब्त किए। इनमें से अधिकांश सांपों की हालत दयनीय थी। कुछ सांपों के मुंह खतरनाक ट्यूब रसायन से चिपके हुए थे, कुछ के मुंह धागों से सिले हुए थे और कुछ सांपों के दांतों को तोड़ दिए गए थे, जिसकी वजह से वो न तो पी पा रहे थे और न खा पा रहे थे। वन विभाग ने ठीक हालत वाले सांपों को डुमना और नागा घाटी में छोड़ दिया और ऐसे सांप जिनकी हालत बेहद नाजुक थी, उन्हें इलाज के लिए चिकित्सकों के हवाले कर दिया है, जिसके स्वस्थ होने जाने के बाद उन्हें जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।

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दिन भर चली सपेरों को पकड़ने की मुहिम
वन विभाग के अमले ने टाइगर स्ट्राइक फोर्स के साथ मिलकर शहर की सीमा के भीतर आने सभी मार्गों पर सादी वर्दी में उड़नदस्ते को तैनात कर दिया था। सुबह के समय मुख्य रेलवे स्टेशन, मदन महल रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड पर सादी में सपेरों पर दबिश देकर बड़ी संख्या में सांपों को पिटारे सहित पकड़ लिया। सपेरों के नाम, पते और सांपों की प्रजाति का ब्यौरा दर्ज किया गया है। जिसकी जांच के बाद सपेरों पर वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 7 साल तक की जेल का प्रावधान है। शहर के अन्य इलाकों में भी कार्रवाई जारी रही।
 
वन विभाग ने शहर के विभिन्न इलाकों में सपेरों पर दबिश देकर बड़ी संख्या में सांपों को जब्त किया है। सांपों को सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने के बाद सपेरों के नाम, पते लिख लिए गए हैं। अब इन जीवों के प्रजाति के अनुसार परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 
अमित चौहान, एसडीओ वन विभाग

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