नहीं दिखा सूर्यग्रहण, सिर्फ आसमान ताकते रहे पीएम मोदी, और फिर…

नई दिल्‍ली। आम लोगों की तरह साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी उत्साह थे लेकिन राजधानी में कोहरे और घने बादलों के चलते वे ऐसा नहीं कर पाये। हालांकि बाद में उन्होंने लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से सूर्य ग्रहण देखा। पीएम ने अपने ट्विटर अकॉउंट से इसकी तस्वीरें शेयर की हैं। तस्वीरों में प्रधानमंत्री कुछ एक्सपर्ट्स से बात कर रहे हैं, इसके अलावा उनके पास ग्रहण देखने वाला एक स्पेशल चश्मा भी है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘कई भारतीयों की तरह मैं 2019 के सूर्य ग्रहण के बारे में उत्साही था।  दुर्भाग्य से, मैं बादल के कारण सूर्य को नहीं देख सका लेकिन मैंने कोझीकोड और अन्य भागों में ग्रहण की झलक लाइव स्ट्रीम पर देखी। विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके इस विषय पर अपने ज्ञान को समृद्ध किया।’

प्रधानमंत्री ने अपनी कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं जिनमें वे सूर्य को देखने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। दिल्लीवासी कोहरे के कारण बृहस्पतिवार को सुबह बहुप्रतीक्षित सूर्य ग्रहण का नजारा नहीं देख पाए, लेकिन देश के दक्षिणी हिस्सों में लोगों को यह दुर्लभ दृश्य देखने को मिला। यह इस साल का तीसरा सूर्य ग्रहण था। इससे पहले इस 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था।

तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर सूर्य ग्रहण देखने को मिला और सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा। धार्मिक मान्यता के कारण सूर्य ग्रहण के दौरान राज्य में कई मंदिर बंद रहे। चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, उदगमंडलम और मदुरै समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण साफ दिखाई दिया । हालांकि कोयंबटूर और इरोड से मिली खबरों के अनुसार वहां बादल छाए होने के कारण ग्रहण अच्छी तरह दिखाई नहीं दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। इसके बावजूद प्रकृति के प्रति जिज्ञासु लोगों ने ग्रहण देखा।

बता दें कि साल 2019 का ये अंतिम सूर्य ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में हुआ है, सूर्य के साथ केतु, बृहस्पति और चंद्रमा आदि ग्रह होने से ज्योतिष में इस कल्याणकारी योग का विशेष लाभ मिलने वाले है, गौरतलब है कि वर्ष 1962 में बहुत बड़ा सूर्यग्रहण हुआ था, जिसमें सात ग्रह एक साथ थे, इस साल के तीसरे सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने वलयाकार ग्रहण बताया, वलयाकार ग्रहण में सूर्य पर पूरी तरह से ग्रहण नहीं लगता है।

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