नहरी पानी को लेकर फूूूट पड़ा किसानों का गुस्सा, आंदोलन को दिया जल समाधि प्रदर्शन का नाम

नहरी पानी को लेकर ऐलनाबाद क्षेत्र के गांव बेहरवाला में किसानों का गुस्सा फूूूट पड़ा।अपने प्रदर्शन के नौवें दिन सोमवार को किसानों ने पलड़ी नहर में उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने आंदोलन को जल समाधि का नाम दिया। इस अवसर पर अनेक किसान आमरण अनशन पर भी बैठेेे। किसानों ने कहा कि नहर के टेल के अंतिम छोर तक पानी मिलना चाहिए। जब तक पानी नहीं मिलता उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सरकार को दिया 13 अगस्त तक का अल्टीमेटम, मांगें नहीं मानी तो रोकेंगे ट्रेन

उधर, जींद-रोहतक मार्ग पर स्थित नई अनाज मंडी में गत दिवस किसानों की हरियाणा स्वाभिमान महापंचायत हुई। पंचायत की अध्यक्षता नंदगढ़ बाराहा खाप के प्रधान होशियार सिंह दलाल और लाठर बाराहा खाप के प्रधान राजमल जेई ने की। पंचायत में किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार 13 अगस्त तक किसानों की मांगें नहीं मानती है तो 14 अगस्त को पंजाब जाने वाली ट्रेने रोकेंगे। नारा दिया कि हरियाणा अब झुकेगा नहीं और आंदोलन अब रुकेगा नहीं।

दलाल ने कहा कि आंदोलन के माध्यम से किसान रेल रोकने की धमकी नहीं दे रहे हैं, बल्कि अपनी मांगों को मनवा रहे हैं। एक ओर तो सरकार किसानों को सम्मान देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ फसल का सही मूल्य नहीं दे रही है।

ये हैं मांगें

  • एसवाइएल का पानी प्रदेश के किसानों को मिलेेे।
  • धान का मूल्य 1800 से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति क्विंटल और कपास का मूल्य 5000 प्रति क्विंटल के हिसाब से मिलेेे।
  • नेशनल हाईवे 152 डी का मुआवजा मार्केट रेट के हिसाब से मिले।
  • दिल्ली के तीन तरफ प्रदेश होने के बावजूद मेट्रो रेल नहीं चलाई गई है। जुलाना को भी उपमंडल बनाया जाए।
  • झज्जर जिले में एक ड्रेन पूरी बनाकर 10 एकड़ छोड़ी गई है जिससे 13 गांवों के किसानों की हर साल पकी हुई फसल खराब हो जाती है। इस ड्रेन को पूरा किया जाए।
  • जाखोदा गांव में किसानों को जो मुआवजा दिया गया था उसकी रिकवरी शुरू कर दी। सरकार किसानों से 35 करोड़ रुपये वसूल करना चाहती है जो किसान किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।

खिलाड़ियों के साथ हो रहा भेदभाव

रमेश ने कहा कि चुनाव में वोट लेने के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पूर्व सरपंच, पूर्व जिला परिषद के सदस्य और पूर्व चेयरमैन को पेंशन दी जाएगी। किसानों की मांग है कि पूर्व पंचों को भी पेंशन दी जानी चाहिए। प्रदेश में खिलाड़ियों के साथ भेदभाव हो रहा है। उन्हेंं समय पर जीत की राशि भी समय पर नहीं दी जा रही। अगर देश से नशे को उखाड़ना है तो खेलों को बढ़ावा देना होगा।

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