पाकिस्तान के ये ऐसे पांच जज, जिनकी वजह से सत्ता से बेदखल हुए नवाज शरीफ!

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने शुक्रवार को नवाज शरीफ के खिलाफ पनामा मामले में फैसला सुनाया। इन पांच जजों की बेंच ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री के पद लिए अयोग्य ठहरा दिया है। इस फैसले का पाकिस्तान की राजनीति पर लंबे समय तक असर पड़ेगा। जानिए कौन हैं वो पांच जज, जिन्होंने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

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जस्टिस आसिफ सईद खान खोसा

जस्टिस आसिफ सईद खान खोसा 2010 में सुप्रीम कोर्ट के लिए चुने गए थे। पनामा मामले में जस्टिस खोसा ही इस बेंच के अध्यक्ष थे। 18 साल के करियर में खान ने करीब 50 हजार केसों की सुनवाई की है। जस्टिस खोसा उन दो जजों में से एक हैं जिन्होंने नवाज शरीफ के खिलाफ फैसला दिया।

जस्टिस गुलजार अहमद
जस्टिस अहमद ने अपने करियर की शुरुआत हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत से की थी। इसके बाद अहमद सिंध हाई कोर्ट बार असोसिएशन के लिए चुने गए। 2002 में जस्टिस अहमद सिंध हाई कोर्ट के लिए जज चुने गए। नवंबर 2011 में अहमद को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया।

जस्टिस एजाज अफजल खान
खान ने खैबर लॉ कॉलेज से 1977 में ग्रैजुएशन किया था। 1991 में जस्टिस खान को सुप्रीम कोर्ट में वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन मिला था। वह नौ सालों तक पेशावर हाई कोर्ट में जज रहे। बाद में वह पेशावर हाई कोर्ट में मुख्य न्यायधीश बने। 2011 में एजाज अहमद खान को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया।

जस्टिस इजाज-उल अहसान
पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद जस्टिस अहसान ने पोस्टग्रैजुएट की पढ़ाई न्यूयॉर्क में कोर्नेल यूनिवर्सिटी से की। 2011 में वह लाहौर हाई कोर्ट में जज नियुक्त किए गए थे। 2015 में उन्हें लाहौर हाई कोर्ट का मुख्य न्यायधीश बनाया गया। 2016 में जस्टिस अहसान सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए गए।

जस्टिस शेख अजमत सईद
1980 में लाहौर हाई कोर्ट से अजमत सईद ने वकालत शुरू की। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की। जस्टिस अजमत पाकिस्तान के कई अहम केसों को निपटाने में शामिल रहे हैं। वह कई केसों में स्पेशल प्रॉसिक्युटर रहे। 2004 में इन्हें लाहौर हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया गया और 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने।

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