नवरात्र के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा

गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2025 date) माघ और आषाढ़ माह में मनाए जाते हैं। इस साल अषाढ़ के गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2025 date) 26 जून से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा और आराधना करने का विधान है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्र 2025 की सप्तमी तिथि इस बार 2 जुलाई 2025 को बुधवार के दिन है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी। माता का यह रूप बहुत ही विकराल है। उनके गले में मुंड माल है और क्रोध से उनकी आंखें लाल हैं।

मां के हाथ में खड्ग और कांटा है। तीन नेत्र वाली मां हमेशा भक्तों का कल्याण करती हैं। कालरात्रि का अर्थ होता है अंधेरे की रात। मां का प्रकाट्य दुष्टों और पपिया का विनाश करने के साथ ही अपने भक्तों की रक्षा के लिए हुआ था। इसीलिए उन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है।

मां कालरात्रि का संबंध व्यक्ति के शरीर में मौजूद सात चक्र में से सर्वोच्च चक्र सहस्रार से है। यदि कोई व्यक्ति साधना के जरिए इस चक्र तक पहुंच जाता है, तो वह देवत्व की राह पर चल देता है। मां कालरात्रि की पूजा करने से डर, दुर्घटना और रोगों का नाश होता है।

इसके साथ ही नकारात्मक ऊर्जा का जीवन पर कोई भी असर नहीं होता है। यदि कोई व्यक्ति शनि की पीड़ा से गुजर रहा है, तो मां कालरात्रि की साधना करने से उसे विशेष लाभ होता है।

मां का बीज मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा
सप्तमी को प्रातः जल्दी उठकर दैनिक नित्यकर्मों से निवृत होकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। गंगाजल से पूजन स्थल को शुद्ध करने के बाद में मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद मां को रोली, कुमकुम, अक्षत, लाल फूल, धूप अर्पित करें।

मां को लाल रंग के फूल विशेष प्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा के दौरान गुड़हल या गुलाब चढ़ाएं। इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करें।

इसके बाद में मां कालरात्रि की आरती करें और भोग लगाएं। मां कालरात्रि को गुड या गुड से बनी मीठी चीज अर्पित करें उन्हें मालपुआ का भी भोग लगाया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button