नवरात्रि से पहले मिलेगी राहत, कार से फ्रीज तक हजारों सामान किस तारीख से होंगे सस्ते

सबसे बड़े जीएसटी सुधार के तहत दरों में बदलाव को लेकर 3 और 4 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक है। खबर है कि नई दरों को मंजूरी मिलने के बाद सरकार इन्हें शीघ्रता से लागू करने की योजना बना रही है ताकि आगामी त्योहारी सीज़न से पहले उपभोक्ताओं को उत्पादों की कम लागत का लाभ मिल सके।
जीएसटी रिफॉर्म (GST Reforms) के ऐलान के बाद जीएसटी रेट्स में बदलाव का इंतजार इंडस्ट्री के साथ-साथ देश का हर आम आदमी कर रहा है। क्योंकि, नई दरों के लागू होने के साथ ही हजारों प्रोडक्ट्स के दाम कम हो जाएंगे। अब सवाल है कि जीएसटी की नई दरें (GST New Slabs) कब से लागू होंगी। 3 और 4 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक है जिसमें नई दरों को मंजूरी मिलने के बाद सरकार इन्हें शीघ्रता से लागू करने की योजना बना रही है, ताकि आगामी त्योहारी सीज़न से पहले उपभोक्ताओं को उत्पादों की कम लागत का लाभ मिल सके। क्योंकि, सितंबर में नवरात्रि के साथ ही त्योहारी सीज़न की शुरुआत हो जाएगी।
केंद्र सरकार ने 12 और 28 फीसदी स्लैब वाले दो दरों को हटाने और इनकी जगह सिर्फ 5 व 18 प्रतिशत वाले स्लैब रखने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, तंबाकू समेत अन्य मादक उत्पादों पर 40% का स्लैब शामिल है। चूंकि, मंत्रियों के समूह ने पहले ही सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अब जीएसटी परिषद इस पर फैसला लेगी।
सरकारी सूत्र ने क्या कहा
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने फॉर्च्यून इंडिया को बताया, “निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं को अपनी प्रणालियों को नई दरों के अनुरूप ढालना होगा और इसके लिए सरकार को भी शीघ्रता से कदम उठाने होंगे, इसलिए हम सुनिश्चित करेंगे कि जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद अपनी प्रणालियों को यथाशीघ्र नई दरों के अनुरूप ढाल लें।”
सूत्र ने कहा, “इसका मकसद है कि त्योहार से पहले नई दरें लागू हों ताकि त्योहारी खरीदारी के दौरान उपभोक्ता को लाभ मिल सके।” वर्तमान में, लागू जीएसटी दरें 0, 5%, 12%, 18% और 28% हैं। प्रस्ताव के अनुसार, 12% से ज़्यादातर वस्तुओं को 5% के स्लैब में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसी तरह, 28% स्लैब से ज़्यादातर वस्तुओं को 18% स्लैब में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
कार से लेकर खाने के सामान होंगे सस्ते
-कर कटौती से सामानों की कीमतें कम होने और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में खपत बढ़ने की संभावना है। छोटी कारों और दोपहिया वाहनों को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
-4 मीटर से कम लंबाई और 1,200 CC से कम इंजन क्षमता वाली पेट्रोल कारों पर जीएसटी मौजूदा 28% से घटकर 18% हो सकता है>
- 350 CC से कम इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो सकता है।
-जिन वस्तुओं पर वर्तमान में 12% कर लगता है और उन्हें 5% की श्रेणी में लाया जा सकता है। खासतौर पर एफएमसीजी कंपनीज के प्रोडक्ट्स पर टैक्स रेट 12% से घटकर 5% हो सकता है।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा की एक रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने से अर्थव्यवस्था पर बहुत ही पॉजिटिव असर पड़ने की संभावना है।