नटराज आसान मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है

योगासन हर इंसान के लिए अच्छा होता है. इससे आपका शरीर अच्छा  बना रहता है और आपको किसी तरह की परेशानी भी नहीं होती. योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं नटराज आसन. जानते हैं इसके क्या फायदे हो सकते हैं और कैसे करना चाहिए. इससे आपको कई लाभ मिलेंगे तो आइये जानते हैं किस तरह करें इस आसन को.

नटराज आसन करने की विधि 

सबसे पहले खड़े हो जाएं. पंजों को एक साथ रखें और आंखों की सीध में किसी बिंदु पर दृष्टि केंद्रित करें. दाएं घुटने को मोड़ें और शरीर के पीछे दाहिने हाथ से टखने को पकड़ लें. दोनों घुटनों को एक साथ रखते हुए संतुलन बनाये रखें. धीरे-धीरे दाहिने पैर को उठाते हुए पीछे की ओर तानें और जितना संभव हो ऊंचा उठायें. यह जांच लें कि दायां कुल्हा बिल्कुल न मुड़े और पैर शरीर के ठीक पीछे ऊपर की ओर उठे.

बाएं हाथ की तर्जनी के आगे वाले भाग और अंगूठे को ज्ञान मुद्रा में लाकर बाएं हाथ को शरीर के सामने ऊपर की ओर उठायें. नजरे बाएं हाथ पर केंद्रित करें. जितनी देर तक संभव हो इस अवस्था को बनाये रखें. बाएं हाथ को एक साथ रखें. फिर दाहिने टखने को छोड़ दें और पंजे को नीचे जमीन पर ले आएं. दाएं हाथ को नीचे कर बगल में ले आएं. आराम करें और फिर से बाएं पैर से आसन को दोहराएं.

अब जाने इसके फायदे 

* यह आसन तंत्रिका तंत्र में संतुलन लाता है.

* इस आसन को नियमित करने से शरीर पर नियंत्रण का विकास होता है.

* यह आसन मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है.

* नटराजन आसन को करने से पैरों में लचीलता आती है.

* मन को शांत करने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है.

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