नए मेडिकल कॉलेज और एमबीबीएस सीटें बढ़ाने पर नहीं लगेगी रोक

सरकार ने राज्यसभा में बताया कि एनएमसी ने 2025-26 के लिए नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी और एमबीबीएस सीटें बढ़ाने पर रोक का कोई निर्णय नहीं लिया है। अनुमति केवल उन्हीं संस्थानों को दी जाएगी जो एनएमसी एक्ट और सभी नियमों का पालन करते हैं।

सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी और एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी पर रोक लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया है। यह जानकारी एनएमसी से मिली रिपोर्ट के आधार पर दी गई।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लिखित जवाब में कहा कि एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों में सीटों की मंजूरी से जुड़े आवेदनों का आकलन और स्वीकृति के लिए एक व्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया लागू की है।

पटेल ने बताया कि हर साल मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (MARB), एनएमसी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन आमंत्रित करता है। ये आवेदन नए मेडिकल कॉलेज/संस्थान खोलने, मौजूदा संस्थानों में स्नातक (UG) सीटें बढ़ाने, नए स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रम शुरू करने या मौजूदा पीजी सीटें बढ़ाने के लिए किए जाते हैं। यह प्रक्रिया एनएमसी एक्ट, 2019 की धारा 28 और 29 तथा ‘एस्टैब्लिशमेंट ऑफ मेडिकल इंस्टीट्यूशंस, असेसमेंट एंड रेटिंग रेगुलेशंस 2023’ के प्रावधानों के तहत होती है।

संस्थान केवल तभी आवेदन कर सकते हैं जब वे अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) या पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (PGMEB) द्वारा तय न्यूनतम मानक आवश्यकताओं को पूरा करते हों।

आवेदन के बाद की जाती है जांच
पटेल ने कहा कि आवेदन मिलने के बाद एमएआरबी प्रारंभिक जांच करता है और यदि कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित कॉलेज को कारण बताओ नोटिस (SCN) जारी किया जाता है, ताकि वे खामियों को सुधार सकें।

मूल्यांकन प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेषज्ञ परीक्षकों का चयन यादृच्छिक रूप से किया जाता है। इसके अलावा, नियमों के तहत एमएआरबी मूल्यांकन के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकता है, जैसे दस्तावेजों की डिजिटल जांच, आधार आधारित उपस्थिति रजिस्टर, लाइव वीडियो फीड की पुष्टि, तस्वीरें, अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) का डेटा या अचानक शारीरिक निरीक्षण।

आकलन रिपोर्ट को विशेषज्ञों द्वारा परखा जाता है और यदि अतिरिक्त कमियां मिलती हैं तो संबंधित संस्था को एनएमसी एक्ट की धारा 28 (उपधारा 3) के अनुसार दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है, जिससे उन्हें सुधार का एक और मौका मिलता है।

पटेल ने कहा कि अनुमति पत्र (Letter of Permission) केवल उन्हीं संस्थानों को दिया जाता है जो एनएमसी एक्ट 2019 और उससे संबंधित सभी नियमों एवं दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करते हैं।

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