धीरे धीरे जा रही थी याद्दाश्त, डॉक्टर बताते रहे डिप्रेशन, आखिर में मौत के राज ने सभी को सकते में डाला!

इंसान कब किसी बीमारी की चपेट में आ जाए  कहा नहीं जा सकता. ऐसा भी नहीं है कि हर रोग के लक्षण साफ साफ दिखते जाते हैं. कई रोग के लक्षण बहुत बाद में दिखते हैं और जब तक समझ में आता है कि जानलेवा रोग घेर चुका है, मरीज़ के लिए बहुत देर हो चुकी होती है. कई बार तो डॉक्टर खुद भी भ्रमित रहते हैं और रोग कुछ और ही निकल आता है. ब्रिटेन के एक शख्स के साथ ऐसा ही हुआ जब वह बहुत दिनों तक इस बात के लिए डॉक्टर को दिखाता रहा कि उसकी याद्दाश्त जा रही है. पर डॉक्टर यही कहते रहे कि वह डिप्रेशन में है. आखिर में हालत ज्यादा खराब होने पर बड़े अस्पताल में जांच कराने पर उस एक असाध्य ब्रेन ट्यूमर का रोग निकला कि कुछ समय बाद तमाम इलाज के बाद भी उसकी मौत हो गई.

भूलने लगा कुछ कुछ
ब्रिटेन के डर्बीशायर के एकिंगटन के रहने वाले जेमी एकास्टर एक फुटबॉल फैन थे. अचानक ही उन्हें अपनी फेवरेट टीम के खिलाड़ियों के नाम याद रखने में दिक्कत होने लगी.  इतना ही नहीं वो कई बातचीत को भी भूलने लगे. लेकिन कई बार डॉक्टरों से बात करने के बाद उन्होंने जेमी से यही कहा कि उन्हें केवल डिप्रेशन है जिसकी वजह से वे ऐसा महसूस कर रहे हैं.

डिप्रेशन की नहीं थी बात
पर जेमी को लगता रहता था कि मामला कुछ और है क्योंकि उन्हें डिप्रेशन जैसा लगता ही नहीं था.  धीरे धीरे उनकी याद्दाश्त और कमजोर होने लगी है तो उनकी बहन डोना सायले, जो कि एक नर्स हैं, ने उन्हें एएंडई अस्पताल जाने की सलाह दी. यहां उहें चेस्टरफील्ड रॉयल अस्पताल में एमआरआई स्कैन की सलाह दी गई. जिसके बाद उन्हें पता चला कि उन्हें तो हाई ग्रेड ग्लियोब्लास्टोमा है.

कितनी खतरनाक है ये बीमारी
यह ग्लियोब्लास्टोमा सबसे जानलेवा ब्रेन ट्यूमर में से एक है.  हर साल करीब 3 हजार ब्रिटेनवासी और करीब 12000 अमेरिकी इससे ग्रस्त होते हैं .इन मरीजों को सर्जरी के बाद केमियोथैरेपी और रेडियोथेरेपी से गुजरना होता है. जेमी को भी सर्जरी करवानी पड़ी और उनका 95 फीसदी ट्यूमर उस ऑपेशन से हट भी गया.

देखते ही देखते हो गया सब खत्म
इसके बाद महीनों तक जेमी का इलाज चला लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ और आखिर एक सितंबर 2024 को उनका देहांत हो गया. इस हादसे से उनका परिवार  बहुत बडे सदमें था. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इतनी जल्दी यह सब कैसे हो गया. जबकि कुछ महीने पहले तो उनसे कहा जा रहा था कि उन्हें केवल डिप्रेशन भर है.

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