धार्मिक स्थलों के साथ-साथ इन स्थानों का भी जरूर करें दर्शन, वरना अधूरी रह जाएगी आपकी यात्रा

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कई ऐसे मुख्य धार्मिक स्थल हैं, जिनके दर्शन मात्र से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि अगर आप भी इन स्थानों पर दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो आपको इनके साथ और किन स्थानों का भी दर्शन जरूर करना चाहिए, ताकि आपको यात्रा का पूर्ण लाभ मिल सके।

वैष्णो देवी धाम के बाद कहां जाएं
जम्मू में स्थित वैष्णो देवी धाम की यात्रा के लिए हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस कठिन यात्रा को ज्यादातर भक्त पैदल ही करते हैं। ऐसे में अगर आप भी माता वैष्णो देवी के दर्शन का न बना रहे हैं, तो इसके साथ ही भैरवनाथ मंदिर के दर्शन भी जरूर करने चाहिए। भैरवनाथ के दर्शन के बाद ही वैष्णो देवी की यात्रा पूरी मानी जाती है।

इसके बिना अधूरी है केदारनाथ यात्रा
केदारनाथ भी हिंदू धर्म के मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक है, जिसके दर्शन के साथ-साथ नेपाल में स्थित पशुपतिनाथ के दर्शन जरूरी माने जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, केदारनाथ शिव के शरीर का निचला हिस्सा है, तो पशुपतिनाथ उनका ऊपरी हिस्सा है। यह दोनों मिलकर एक पूर्ण ज्योतिर्लिंग बनाते हैं, जिससे यात्रा पूरी होती है।

तभी मिलेगा अमरनाथ यात्रा का फल
अमरनाथ की यात्रा का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में अगर आप भी बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो इस यात्रा का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए शेषनाग और पंचतरणी जैसे स्थलों का भी दर्शन जरूरी करें। यह स्थान अमरनाथ गुफा मार्ग में ही आते हैं। कई श्रद्धालु, अमरनाथ यात्रा के बाद जम्मू में स्थित रघुनाथ मंदिर या वैष्णो देवी मंदिर का दर्शन करना भी जरूरी मानते हैं।

तभी मिलेगा रामलला के दर्शन का लाभ
अयोध्या, प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि है, जहां लोग राम मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। हनुमान जी अयोध्या के रक्षक माना गया है। ऐसे में अगर आप भी जन्मभूमि मंदिर के दर्शन करने जा रहे है, तो पहले हनुमानगढ़ी (हनुमान जी) के दर्शन जरूर करें। परंपरा के अनुसार, रामलला के दर्शन से पहले हनुमान जी से आज्ञा ली जाती है। कहा जाता है कि बिना उनकी आज्ञा या दर्शन के भक्तों को राम जी के दर्शन का पूर्ण फल नहीं मिलता।

खाटू श्याम के साथ करें इस स्थान का दर्शन
राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम मंदिर भी भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। ऐसे में अगर आप श्याम बाबा के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो श्याम कुंड के भी दर्शन जरूर करें, जो खाटू श्याम मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर है। इस कुंड में स्नान के बाद ही खाटू श्याम जी की यात्रा पूरी मानी जाती है। इस कुंड को लेकर मान्यता है कि इसी स्थान पर बर्बरीक जी ने भगवान श्रीकृष्ण को शीश का दान दिया था।

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