धनतेरस के दिन इस समय भूलकर न करें खरीदारी

18 अक्टूबर को धनतेरस और प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है और सुख-समृद्धि के लिए सोने-चांदी व नए बर्तन खरीदे जाते हैं। पूजा का शुभ समय संध्याकाल 07 बजकर 16 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक है। खरीदारी के लिए भी शुभ मुहूर्त हैं, लेकिन राहुकाल और गुलिक काल में खरीदारी से बचना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ फल देता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 18 अक्टूबर को धनतेरस और प्रदोष व्रत है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह में मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। साथ ही सोने-चांदी से निर्मित आभूषण और नए बर्तन खरीदे जाते हैं।
धार्मिक मत है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन सोना और चांदी की खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। हालांकि, धनतेरस के दिन कई अशुभ मुहूर्त में खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इससे घर में दुख और दरिद्रता घर आती है। आइए, खरीदारी का शुभ मुहूर्त जानते हैं-
डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। धनतेरस के दिन पूजा के लिए शुभ समय (dhantera in-auspicious hours) संध्याकाल 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस समय में मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जातक के जीवन में धन की कमी नहीं होती है।
प्रदोष और वृषभ काल
प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 48 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है।
वृषभ काल संध्याकाल 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 09 बजकर 11 मिनट तक है।
पूजा के लिए समय संध्याकाल 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है।
कब न करें खरीदारी
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस के दिन राहुकाल सुबह 09 दोपहर 15 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक है। इस समय में भूलकर खरीदारी न करें। राहुकाल में खरीदारी करने से शुभ फल नहीं प्राप्त होता है। इसके साथ ही प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है। वहीं, 06 दोपहर 24 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक है। इसके लिए धनतेरस के दिन भूलकर गुलिक और राहुकाल के दौरान खरीदारी न करें।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 48 मिनट पर
चंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर
चंद्रास्त- दोपहर 04 बजकर 06 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजे से लेकर 02 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक