दो महिला IFS अफसरों ने एक आईएएस के खिलाफ खोला मोर्चा, वजह शर्मनाक


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महिला आईएफएस ने पत्र में लिखा है कि उक्त अधिकारी को यदि कुछ कहना है तो वह व्यवस्था के तहत तय माध्यम से अपनी बात कह सकते हैं। उनके साथ सीधे संवाद की आवश्यकता नहीं है। वैसे भी तकनीकी तौर पर पीसीसीएफ विभाग के मुखिया हैं। महिला आईएफएस ने कहा कि फोन पर इस्तेमाल शब्दों से मुझे अपमानित होना पड़ा है। मेरे दो बच्चे हैं। मानसिक प्रताड़ना के चलते उनकी परवरिश प्रभावित हो रही है। मेरे घर के वातावरण पर भी इसका असर पड़ रहा है।
हम सरकारी तंत्र में काम कर रहे हैं न कि किसी एनजीओ में। मैं सरकार के तौर पर कोई स्टैंड लेता हूं तो कोई अफसर उससे बच कैसे सकता है। यह सारा कौतुक इसलिए रचा जा रहा है कि मेरे आर्डर इंप्लीमेंट नहीं करना चाहते। लंबे समय से उक्त लोग एक फर्म की एनओसी दबा कर बैठे हैं। मैंने आर्डर लिखा तो इन लोगों ने दूसरा मुद्दा उठा दिया। सरकारी तंत्र में व्यवस्था के तहत ही काम करना होगा। सभी बातें निराधार हैं।
– एसके गुलाटी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन विभाग
पीसीसीएफ को लिखा है और वह पत्र कांफिडेंशियल है।
– विनोद कुमार, आईएफएस
नो कॉमेंट्स फ्रॉम माय साइड।
– रेंजिथा एमएच, आईएफएस