दोपहिया वाहन चालक सिर्फ चालान से बचने के लिए कामचलाऊ हेलमेट लेने

जो दोपहिया वाहन चालक सिर्फ चालान से बचने के लिए कामचलाऊ हेलमेट लेने जा रहे हैं तो सावधान हो जाए, क्योंकि पकड़े जाने पर जुर्माना भरने के बाद उसे दोबारा हेलमेट खरीदना पड़ सकता है। लोकल हेलमेट से अब काम नहीं चलने वाला है। दोपहिया वाहन चलाने वालों को तय मानकों का हेलमेट रखना होगा। न केवल दोपहिया वाहन चालक बल्कि पीछे बैठने वाले यात्री को भी हेलमेट लगाना अनिवार्य किया गया है। हेलमेट ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) के तय मानकों के अनुकूल होना चाहिए। नहीं तो आगामी दिनों में जांच के दौरान पकड़े जाने पर दोपहिया वाहन स्वामी को जुर्माना भरना पड़ेगा।

ये है मानक 

  • आइएसआइ का चौकोर मार्क
  • मार्क के ऊपर आइएस: 4151 दर्ज होना।
  • आइएसआइ के सिंबल के नीचे सीएम/एल-सेविन डिजिट का कोड। -हेलमेट पर चमकीली स्टिप जिसे हटाया नहीं जा सकता है। इसमें ब्रांड से जुड़ी जानकारी।
  • वजन 1200 से 1500 ग्राम, क्वालिटी टेस्टयुक्त। इसकी कीमत छह सौ रुपये से शुरू होगी।

आमजन इस तरह करें पहचान

  • आइएसआइ का चौकोर मार्क का न होना।
  • सेविन डिजिट गोपनीय कोड का उपलब्ध न होना।
  • खुरचने पर चमकीली स्टिप निकल जाए तो हेलमेट मानक के अनुरूप नहीं।
  • वजन 1200 से 1500 ग्राम से अधिक होना।
  • कीमत काफी कम, दो सौ रुपये से लेकर पांच सौ के बीच।
  • लुभावने और आकर्षक डिजाइन वाले पर सुरक्षित नहीं।

पीछे बैठने वाले शख्स के लिए भी हेलमेट पहनना जरूरी

अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल ने बताया कि हादसों के बाद शासन इस मामले पर गंभीर है। वाहन स्वामी हेलमेट सुरक्षा के लिए लें न कि चालान से बचने के लिए। बीआइएस मानक के अनुरूप वाहन चालक हेलमेट खरीदें। इसका वजन, कीमत और कोड को देख वाहन स्वामी आसानी के साथ लोकल और अच्छे हेलमेट की पहचान कर सकता है। पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है। जांच एजेंसियां सख्त कार्रवाई करेंगी। इससे बचने के लिए नियमानुसार मानकों का चयन कर हेलमेट पहनें।

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