देश का ध्यान भटकाने के लिए मेरी खिलाफ हो रही कार्रवाई: जाकिर नाईक
कोर्ट में पेश न होने पर गैर जमानती वारंट के आदेश पर डॉ. जाकिर नाईक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जाकिर नाईक ने कहा कि कोर्ट ने मेरे खिलाफ 2017 में दो गैर जमानती वारंट जारी कर चुका है. ऐसे में मेरे खिलाफ एक और वारंट जारी करने की कोशिश की आवश्यकता नहीं है. खास तौर पर मेरे खिलाफ किसी भी सबूत के अभाव में. यह सब कुछ देश का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है.
जारी बयान में जाकिर नाईक ने कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि मेरे खिलाफ यह दूसरा वारंट क्यों जारी किया गया है. इसी तरह का वारंट 2017 में भी जारी किया गया था. जब कोई समूत नहीं है तो इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.यह सब कुछ देश का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है.’
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जाकिर नाईक ने कहा कि मैं फिर दोहरा दूं कि मुझे भारतीय न्याय पालिका पर भरोसा है लेकिन अभियोजन प्रणाली पर नहीं. भारत का हालिया इतिहास बताता है कि निर्दोष मुस्लिमों को 8, 10, 15 यहां तक की 20 तक जेल में रखा जाता है. जब अंत में अदालत फैसला देती तब जाकर निर्दोष को रिहा किया जाता है. भारतीय एजेंसियों के इस रिकॉर्ड को जानने के बाद, मैं अपने जीवन और अपने अधूरे काम को बर्बाद करने का मौका नहीं लेना चाहता.
उन्होंने कहा कि मुझे फिर से अपना पिछला प्रस्ताव देना चाहिए. अगर भारत का सर्वोच्च न्यायालय मुझे लिखित में देता है कि जब तक दोषी नहीं ठहराया जाता है, तब तक मुझे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.