देव दीवाली पर जरूर करें ये काम, कई समस्याओं का होगा समाधान

हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व बुधवार, 5 नवंबर को मनाया जा रहा है। साथ ही इस दिन पर प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 15 मिनट से शाम 7 बजकर 50 मिनट तक रहने वाला है। चलिए जानते हैं इस दिन के उपाय।

दिवाली के लगभग 15 दिन बाद देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था। इसलिए इस दिन पर देवी-देवता धरती पर आते हैं और दीप जलाते हैं। ऐसे में आप शुभ परिणामों के लिए इस दिन पर ये खास उपाय कर सकते हैं।

जरूर करें ये काम
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें विशेषकर वाराणसी के घाट पर। इसके बाद पीले रंग के कपड़े पहने। यदि आपके लिए ऐसा संभव न हो, तो आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही शाम के समय शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। इन सभी कार्यों को करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

मिलता है देवताओं का आशीर्वाद
देव दीपावली के दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में गंगा के घाट जाकर घी या तिल के तेल से मिट्टी के दीपक जलाकर दीपदान जरूर करना चाहिए। आप इस दिन पर अपनी श्रद्धा के अनुसार 5, 7, 11, 21, 51 या 108 जैसे विषम संख्या में दीपक जला सकते हैं। इससे साधक पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और सभी दुखों का नाश होता है।

राहु-केतु के प्रभाव से मिलेगी राहत
देव दीपावली के दिन विधिवत रूप से शिवलिंग की पूजा-अर्चना करें और गंगाजल व दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही लगातार ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जप करें। ऐसा करने से साधक को राहु-केतु दोष के प्रभाव से राहत देखने को मिल सकती है। साथ ही कुंडली में राहु-केतु के प्रभाव में संतुलन बना रहता है।

दूर रहेगी दरिद्रता
देव दीपावली के दिन भगवान विष्णु की आराधना में उन्हें तुलसी की 11 पत्तियों से बनी माला अर्पित कर सकते हैं। इससे प्रभु श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही आप दिन पर दीप जलाना भी काफी शुभ है। ऐसे में दरिद्रता को घर से दूर रखने के लिए आप इस दिन पर एक दीपक में 7 लौंग डालकर जला सकते हैं।

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