दूल्हा न दुल्हन, फिर भी शहरों में बढ़ रहा है नकली शादियों का क्रेज

शादी का फंक्शन यानी दुल्हा-दुल्हन रिश्तेदार खाना-पीना और मस्ती-मजाक। लेकिन कैसा हो अगर शादियों से चिड़चिड़े रिश्तेदारों को निकाल दिया जाए और न दुल्हा-दुल्हन की कोई टेंशन हो? स्वागत है आपका बिग फैट फेक वेडिंग में। यह एक नया ट्रेंड है जिसमें असली शादी नहीं होती लेकिन पार्टी बिल्कुल वेडिंग इवेंट जैसी होती है।
सजावट भी, मेहंदी, संगीत और मस्ती भरा डांस भी । लजीज व्यंजनों साथ बुफे भी है। बराती भी हैं, लेकिन दूल्हा-दुल्हन नहीं। इस शादी में दूल्हा- दुल्हन जरूरी भी नहीं हैं। शहरों के नकली शादी समारोह में आपका स्वागत है।
यह शादी भले ही नकली हो, लेकिन बैंड, बाजा, बरात के साथ ‘शादी’ समारोह का जश्न जितना आनंददायक हो सकता है यह समारोह उतना ही उल्लासपूर्ण होता है, लेकिन फर्क केवल इतना है कि इस नकली शादी में दुल्हे- दुल्हन की जरूरत नहीं है।
नकली शादियों का बढ़ता ट्रेंड
इन दिनों पार्टियों के नाम पर इस तरह की नकली शादियों की दीवानगी काफी बढ़ रही है। पिछले महीने मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और गोवा में कई नकली शादियां आयोजित की गईं। प्रतीत होता है कि यह ट्रेंड भविष्य में और बढ़ने वाला है।
नोएडा के रूफटाप रेस्तरां ताहिया के संस्थापक निशांत कुमार ने हाल ही में एक नकली शादी समारोह का आयोजन किया था । निशांत ने कहा, इस तरह के आयोजन में मेहमानों को शादी समारोह में नाचने, खाने और आनंद का पूरा मौका मिलता है। यह अनोखा विचार है जो पुरानी यादों और भारतीय समारोहों के प्रति प्रेम से प्रेरित है।
शादियां संस्कृति, भोजन, संगीत और भावनाओं की सबसे जीवंत अभिव्यक्तियों में से एक हैं – लेकिन ये व्यक्तिगत भी होती हैं। हमने सोचा, क्यों न हम लोगों को बिना असली शादी के भव्य भारतीय शादी समारोह का सारा मजा और आनंद दें। इस विचार को लोगों ने खूब पसंद किया।
रिश्तेदार क्या कहेंगे इसकी कोई टेंशन नहीं
दिल्ली में रहने वाली अपूर्वा गुप्ता अपने मित्र और उसकी मां के साथ दक्षिणी दिल्ली में एक नकली शादी में शामिल हुई थीं। उन्हें इस नकली शादी समारोह में अत्यंत आनंद मिला। उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि नकली शादी में इतना आनंद आएगा । मैं पूरी रात शादी के गानों पर ऐसे नाचती रही जैसे कोई देख ही नहीं रहा हो और सच कहूं तो कोई देख भी नहीं रहा था । हर कोई अपनी-अपनी मौज-मस्ती में व्यस्त था । दूर के रिश्तेदार क्या कहेंगे इसकी कोई टेंशन नहीं थी न ही दूल्हा-दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाने का कोई दबाव नहीं था ।
1,500 रुपये से लेकर 10,000 रुपये से अधिक का है टिकट
इस शादी में शामिल होने के लिए शादियों के सीजन का इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कार्यक्रम का टिकट 1,500 रुपये से शुरू होता है। 10 हजार रुपये से भी अधिक का भी टिकट है। टिकट लेकर इन कार्यक्रमों में नान – वेडिंग सीजन में भी शामिल हो सकते हैं। लड़कियां मेहंदी लगवाती हैं और लहंगों में सजती हैं, जबकि लड़के कढ़ाई वाले कुर्तों में आते हैं। अजनबी दोस्त बन जाते हैं और ऐसी शादी का जश्न मनाने के लिए डांस करते हैं जो सचमुच नकली है।
बिना किसी चिंता के ढोल की थाप पर थिरकने का अवसर
कालेज की छात्रा नताशा घई ने कहा, हम अपने दोस्तों के साथ थे, ढोल की थाप पर नाचते हुए, बिना किसी चिंता के आनंद लेते हुताशा ने हाल ही में गुरुग्राम में एक ऐसी फर्जी शादी थीम पार्टी के बारे में उत्साह से कहा, यह आजादी का अनुभव था। शादी का माहौल आनंददायक था।