दुनिया के लिए आयी एक और बड़ी खबर, दक्षिण चीन सागर में चीन को चुनौती
अमेरिका-ईरान में तनाव खत्म नहीं हुआ कि एक और नया विवाद सामने आ गया है. इस तनाव में सुपरपॉवर चीन का नाम शामिल है. हालात ये हो गए हैं कि चीन के खिलाफ जाते हुए इंडोनेशिया ने अपना युद्धपोत तक तैनात कर दिया है.
दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन अपने आक्रामक और विस्तारवादी रवैये से भले ही एकतरफा साम्राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे वहां चीन के खिलाफ गतिविधि शुरू हो गई है. यही कारण है कि दक्षिण चीन सागर स्थित नतुना द्वीपसमूह पर इंडोनेशिया ने चीन के विरोध में अपना झंडा बुलंद कर दिया है.
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इंडोनेशिया ने दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर अपना अधिकार जताने के लिए नतुना द्वीपसमूह पर कई युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए. वहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भी पहुंच गए हैं. इंडोनेशिया का यह काम भले ही चीन को पसंद ना आए लेकिन इस तनाव की शुरुआत चीन ने खुद की है.
दक्षिणी चीन सागर:
चीन के दक्षिण में स्थित दक्षिणी चीन सागर प्रशांत महासागर का वो भाग है, जो सिंगापुर से लेकर ताईवान की खाड़ी लगभग 35 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है. पांच महासागरों के बाद यह विश्व के सबसे बड़े जलक्षेत्रों में से एक है.
मौजूद हैं कई द्वीप:
इस सागर में बहुत से छोटे-छोटे द्वीप हैं, जिन्हें संयुक्त रूप से द्वीपसमूह कहा जाता है. इस पर वे देश हमेशा से ही अपनी दावेदारी जताते आ रहे हैं जो सीमा में इनके पास हैं. और यही इस जल क्षेत्र का संकट है और यही विवाद भी है. इनमें चीन अपनी दावेदारी बढ़-चढ़कर दिखाता आया है.
इन देशों का है दावा:
इस पूरे क्षेत्र पर चीन के अलावा फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताईवान और ब्रुनेई अपना दावा करते रहे हैं. इस इलाके में जीवों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं.
इस तरह शुरू हुआ तनाव:
इस इलाके में पहले कोई तनाव नहीं था लेकिन करीब चार साल पहले चीन के समंदर में खुदाई करने वाले जहाज, बड़ी तादाद में ईंट, रेत और बजरी लेकर दक्षिणी चीन सागर पहुंचे. इसके बाद उन्होंने एक छोटी समुद्री पट्टी के इर्द-गिर्द निर्माण कार्य शुरू कर दिया.
द्वीप पर बनाया बंदरगाह:
इस निर्माण कार्य में चीन ने रेत, बजरी, ईंटों और कंक्रीट की मदद से पहले तो एक बंदरगाह बना लिया फिर हवाई जहाजों के उतरने के लिए हवाई पट्टी बना ली. यह सिलसिला चलता रहा फिर अचानक चीन ने वो कर दिखाया जो करने के लिए कई देश सोचते रहते हैं.
बना लिया सैन्य अड्डा:
चीन ने उसी हवाई पट्टी को कृत्रिम द्वीप के रूप में तैयार कर उस पर सैन्य अड्डा बना लिया. इतना ही नहीं इलाके में चीन ने धीरे-धीरे करके कई छोटे द्वीपों पर सैन्य अड्डे बना लिए. फिर इस पर विवाद शुरू हो गया.
भारत और अमेरिका भी उठा चुका है आवाज:
चीन के इस विस्तारवादी रवैये का कई देशों ने शुरू कर दिया. दक्षिणी चीन सागर में चीनी की गतिविधियों के खिलाफ अमेरिका से लेकर भारत तक ने आवाज उठाई लेकिन वे देश ज्यादा खिलाफत करने लगे जिनके हित सीधे-सीधे इस जल क्षेत्र से जुड़े हैं. इतना ही नहीं चीन के रवैये के विरोध में भारतीय नौसेना ने तो एक बार दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, फिलीपींस और जापान की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास भी किया था.
आए दिन लगातार चीन अपने जहाजों को वहां ले जाया करता है और अपने बनाए कृत्रिम द्वीपों पर चीन सैन्य अभ्यास करता रहता है. और इसी दावे को लेकर चीन का वियतनाम, फिलीपींस और अन्य देशों से भी विवाद चल रहा है. अब इसी विवाद में इंडोनेशिया खुलकर सामने आ गया है. इंडोनेशिया ने हालिया गतिविधियों का विरोध करते हुए अपने कई विमानवाहक युद्धपोत को नतूना द्वीपसमूह पर तैनात कर दिया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन और बाकी देश कैसी प्रतिक्रया देते हैं.