‘दुनिया का सबसे बदबूदार पक्षी’, अंदर से आती है गोबर जैसी गंध, 6 करोड़ साल पहले की दुनिया से है कनेक्शन!

प्रकृति कितनी अनोखी है, अगर आपको ये समझना है तो उसके द्वारा बनाए गए अनोखे जीव-जंतुओं को देख लीजिए जो किसी अजूबे से कम नहीं होते. प्रकृति ने उन्हें खास विशेषताएं दी हैं, जिनकी मदद से वो सर्वाइव करते हैं और अपनी रक्षा करते हैं. आज हम ऐसे ही एक अनोखे पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें दुनिया का सबसे बदबूदार पक्षी माना जाता है. वो इसलिए क्योंकि इसके अंदर से गोबर जैसी बू आती है.
इस पक्षी का नाम है होआटज़िन, जो एक फ़ीज़ेंट की तरह दिखता है. ये दुनिया का एकमात्र ऐसा पक्षी है जो अपना भोजन फर्मेंट (किण्वन) करता है. असामान्य पाचन तंत्र की वजह से इस पक्षी को दुनिया का सबसे बदबूदार पक्षी भी माना जाता है. होआटज़िन एक बहुत ही अजीब पक्षी है. ये अमेज़न के बैकवॉटर्स वाले इलाकों में पाए जाते हैं. इसके बच्चे पंजों वाले पंखों के साथ जन्म लेते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक प्राचीन पक्षी के वंश का आखिरी जीवित सदस्य है, जिसे माना जाता है कि लगभग 64 मिलियन वर्ष (6 करोड़ साल से ज्यादा) पहले पाए जाते थे. इन पक्षियों का आहार केवल पौधे हैं. इस अजीबोगरीब जीव को सबसे ज्यादा इसके मजबूत गोबर जैसी बदबू के लिए जाना जाता है, जिसने उसे ‘स्टिंकबर्ड’ का उपनाम दिलाया है.
इस वजह से आती है गंध
होआटज़िन एकमात्र ज्ञात पक्षी प्रजाति है जिसके पास गायों जैसा फोरगट फर्मेंटेशन सिस्टम है, जो महत्वपूर्ण मात्रा में मीथेन गैस को लगातार डकार लेने के साथ रिलीज करता है. ये बदबूदार डकारें और मल की वजह से ही इस पक्षी के अंदर ऐसी गंध निकलती है. अधिकांश पक्षियों में, गले के पास भोजन स्टोर करने वाला पाउच होता है जिसे crop कहते हैं. इसका उपयोग थोड़ी मात्रा में भोजन को उल्टी करने के लिए किया जाता है जिससे चूजों को पक्षी खाना खिलाते हैं, लेकिन होआटज़िन में यह बहुत बड़ा होता है और खाई हुई पत्तियों के लिए फर्मेंटेशन चैंबर की तरह काम करता है. इस चैंबर में खास बैक्टीरिया होते हैं जो निगली हुई पत्तियों को तोड़ते हैं. इसे पूरी तरह हजम होने में करीब 45 घंटे लगते हैं. इस असामान्य रूप से लंबी पाचन प्रक्रिया के दौरान, पक्षी डकारों के माध्यम से गैसें जारी करता है जो उसकी विशिष्ट गोबर जैसी गंध पैदा करते हैं.
कम दूरी तक उड़ सकते हैं ये पक्षी
होआटज़िन के गले में मौजूद क्रॉप इतना बड़ा होता है, कि इसकी वजह से पक्षी की उड़ने वाली मांसपेशियों के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती, जिसके चलते वयस्क पक्षी केवल थोड़े समय के लिए ही उड़ान भर सकते हैं. आमतौर पर वो एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक यात्रा करने के लिए बने होते हैं. वो एक डाल से दूसरी डाल तक उछलते हैं, इसी वजह से उनके पंख में पंजे बने होते हैं, जो डाल को पकड़े में मदद करते हैं. उनकी गोबर जैसी गंध शिकारियों को दूर रखने में मदद करते हैं. हालांकि, कुछ शिकारी, जैसे ग्रेट ब्लैक हॉक, वीज़ल-जैसी टायरा, भोजन के लिए बदबू से निपटने के लिए तैयार रहते हैं. दिलचस्प बात यह है कि 2024 में, वैज्ञानिकों ने 360 से अधिक पक्षी प्रजातियों के जीनोम का विश्लेषण और मैपिंग किया ताकि प्रमुख पक्षी समूहों का एक पारिवारिक वृक्ष बनाया जा सके, लेकिन होआटज़िन, शोर बर्ड्स और क्रेन्स, अन्य किसी भी समूह के साथ फिट नहीं हुए.