दुनिया का सबसे पहला देश, जिसके झंडे पर बना है उसका पूरा का पूरा मानचित्र

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस के यात्रा पर हैं. यूरोप और एशिया के बीच भूमध्य सागर में यह छोटा सा द्वीप में बसा देश कई तरह से खास है. प्रधानमंत्री मोदी पहली बार जरूर साइप्रस गए हैं. पीएम मोदी की इस यात्रा की वजह से साइप्रस से जुड़ी कई चीजों की चर्चा है. इसमें वहां का झंडा भी शामिल है जो कि एक लिहाज से दुनिया में सबसे खास माना जाता है. यह दुनिया का ऐसा झंडा है जिसमें अपने देश का ही नक्शा दिखाई देता है.

झंडे की अहमियत
किसी देश का झंडा केवल उसे ही प्रदर्शित नहीं करता है. बल्कि उसकी विचारधारा और नजरिए को भी दर्शाता है. जिस तरह देश का इतिहास होता है उसी तरह उसके झंडे का भी इतिहास होता है एक कहानी होती है. दुनिया का हर देश चाहता है कि उसका झंडा दूसरे देशों के झंडे से अलग सा दिखे. इसके लिए उसे खास तौर पर डिजाइन करवाया जाता है. कई डिजाइन में से एक पसंद की जाती है. पर कुछ झंडे दुनिया में वाकई अनूठे होते हैं. कोई त्रिकोण  के आकार का एकमात्र झंडा (नेपाल) है तो कोई किसी वजह से खास. लेकिन इन दिनों साइप्रस की झंडा की खासियत भी चर्चा में है.

कैसा साइप्रस का झंडा?
साइप्रस का झंडा सफेद रंग का है जिसमें दो जैतूनकी पत्तियों की टहनियां बनी हैं. इनके ऊपर साइप्रस द्वीप का नक्शा बना है जो द्वीप और देश की एकता को प्रदर्शित करती है.  इस तरह से यह दुनिया का एकमात्र झंडा बना जिसमें देश का नक्शा बना हुआ है. जैतून की पत्तियों की दो टहनी साइप्रस के दो हिस्सों के बीच एकता जोड़ने का संकेत देती है.

साइप्रस के दो हिस्से
साइप्रस के सांसकृतिक तौर पर दो हिस्से हैं. एक ग्रीक और एक तुर्की वाले हिस्से. वैसे तो देश में दोनों ही संस्कृति के लोग रहते हैं, पर 1960 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद तुर्किये ने साइप्रस पर हमला कर इसके उत्तरी हिस्सों में अपना वर्चस्व बढ़ाया और 1974 में यहां सेना तक भेज दी. आज तक उत्तरी साइप्रस का विवाद नहीं सुलझा है. साइप्रस तुर्कीये की दुखती रग है. जब भी तुर्की कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता है, तो  भारत बदले में उसे साइप्रस विवाद की याद दिला देता है.

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