दीवाली की सजावट में रखेंगे इन वास्तु टिप्स का ख्याल

दीपावली केवल रोशनी का पर्व ही नहीं है, बल्कि इस पर्व से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का मार्ग खुलते हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र के कुछ ऐसे ही नियम बताने जा रहे हैं जिससे आपको मां लक्ष्मी की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।

हर साल कार्तिक अमावस्या पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। दीवाली उत्सव के लगभग 1 महीने पहले से ही लोग इसकी तैयारियां शुरू कर देते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं, जिससे आप दीवाली की सजावट के साथ-साथ और भी कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।

होगा मां लक्ष्मी का आगमन
दीवाली से पहले घर की साफ-सफाई भी जरूर की जाती है। इस दौरान आपको घर की सभी टूटी-फूटी चीजों या कबाड़ के सामान को घर से बाहर कर देना चाहिए। इसके साथ ही घर में कभी भी बंद घड़ी न रखें, क्योंकि यह दुर्भाग्य का कारण बन सकती है। इसके साथ ही लक्ष्मी-गणेश की स्थापना उत्तर-पूर्व या पूर्व मुखी करें। पूजा के दौरान आपका मुख पूर्व की ओर होनी चाहिए। इन वास्तु नियमों का ध्यान रखने पर घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

कैसी होनी चाहिए तोरण?
कई खास मौको पर घर में तोरण लगाया जाता है, विशेषकर त्योहारों दीवाली पर। ये केवल सजावट का ही काम नहीं करती, बल्कि वास्तु की दृष्टि से भी तोरण लाना काफी लाभदायक माना गया है। ऐसे में तोरण बनाने के लिए आपको आम या अशोक के पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे शुभ परिणाम मिलते हैं। इसके साथ ही आप तोरण में पीले या लाल फूलों का इस्तेमाल करके भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

कहां बनाएं रंगोली?
दीवाली के मौके पर रंगोली भी बनाई जाती है। ऐसे में आपको रंगोली हमेशा घर के मुख्य द्वार के पास बनानी चाहिए। इसे गोलाकार आकृति में बनाना ज्यादा शुभ माना जाता है। साथ ही फूलों की रंगोली बनाना भी काफी शुभ माना गया है। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

दीपक से जुड़े वास्तु उपाय
दीवाली के दिन घर की चौखट, तुलसी, रसोई में दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही मुख्य द्वार पर दाईं और बाईं ओर तेल का दीपक रखें। इससे घर में लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है। इस बात का ध्यान रखें कि दीपों की संख्या 7, 11 या 21 होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button