दीवारों संग ढहीं उम्मीदें, नावों में सफर, स्कूल में ठिकाना, कुछ ने यहां ली शरण

हिसार के मिर्जापुर और महराना पाना गांव में 200 मकान पानी में डूबे हैं। 50 से अधिक परिवारों ने सरकारी स्कूल या फिर रिश्तेदारों के घर शरण ली हुई है।

हिसार के खंड क्षेत्र के मिर्जापुर और महराना पाना गांव में करीब 200 मकान सप्ताहभर से पानी में डूबे हैं। लोग सड़क से घर जाने के लिए ट्रैक्टर या टायर ट्यूब की नाव से आवाजाही को मजबूर हैं। गांव के 50 से अधिक परिवारों ने सरकारी स्कूल या रिश्तेदारों के घर शरण ली है। मकान गिरने की आशंका में कई ग्रामीण घर खाली करा रहे हैं। वहीं घरों की दीवारों के साथ ही लोगों की उम्मीदें भी ढह रही हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि कई गांवों से आया पानी मिर्जापुर में भर गया है। आबादी क्षेत्र में भी पानी भरा है। इसी कारण लोग घर खाली करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों और प्रशासन ने आबादी से पानी हटाने के लिए कई जगह मोटर चलाई है।

बाजरा और उड़द की फसल अधिक नमी के कारण खराब हो रही है। किसानों को कमरे में खुले स्थान पर उपज रखकर पंखे के सहारे उन्हें सुखाना पड़ रहा है। पूजा, वीना, दयाल और वीरमती समेत 20 से अधिक परिवार गांव के सरकारी स्कूल में रहने के लिए मजबूर हैं।

मिर्जापुर से सुलखनी, धान्सू, खरकड़ी, नियाणा रोड पर कई जगह जलभराव हो रहा है। इस कारण सड़क कटने का खतरा बरकरार है। सड़क पर कई जगह मोटर लगाकर पानी हटाया जा रहा है। इन पाइपों को वाहनों से बचाने के लिए स्पीड ब्रेकर की तरह मिट्टी का ढेर बीच सड़क पर लगाया गया है। इन पर वाहन टकराने या फिसलने से हादसों का भी खतरा है।

हमारे गांव में करीब 200 घर जलमग्न हैं। घर में रखा सारा सामान खराब हो गया है। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों को मदद मिलनी चाहिए। सुरजीत, मिर्जापुर।

हमारा आधा गांव पानी में डूब गया है। कई दिनों से मकान में नमी के कारण दीवार गिरने का खतरा है। जान, माल की रक्षा के लिए लोग गांव छोड़ने के लिए मजबूर हैं।-नसीम, महराना पाना।

हफ्तेभर से हमारे बच्चों का स्कूल जाना बंद है। घर बचाने के लिए लोग मजदूरी करने नहीं जा पा रहे हैं। जल प्रदूषण के कारण लोगों के बीमार पड़ने का भी खतरा है।- कुलदीप, महराना पाना।

हमारे गांव में करीब 600 लोग जल प्रभावित क्षेत्र में रह रहे हैं। कपड़े और बिस्तर समेत घर में रखा सामान भीग गया है। एक मकान की दो दीवार गिरने से हजारों की क्षति हुई है।- परवीन, मिर्जापुर।

हरियाणा : 24 से अधिक मौतें… फसलें बर्बाद
हरियाणा के 12 जिले बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। 27 साल बाद सामान्य से 48% ज्यादा बारिश से चारों प्रमुख नदियां यमुना, मारकंडा, टांगरी और घग्घर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, रोहतक, पलवल, सिरसा व दादरी के हजारों घर पानी में घिरे हैं।

अब तक 24 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 1.92 लाख किसानों की 11 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र व अंबाला में 2,247 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। झज्जर के बहादुरगढ़ में सेना के जवान भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। हाल ये है कि प्रदेश के पांच नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित चल रहा है।

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