दीपावली के लिए मिट्टी लेने गई महिलाओं और बच्चों पर टीला ढहा

श्योपुर जिले के लक्ष्मणपुरा गांव में दीपावली की तैयारियों के दौरान मिट्टी का टीला ढहने से 12 वर्षीय बालिका शिवानी कुशवाह की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। महिलाएं व बच्चे घर की लिपाई के लिए मिट्टी ले रहे थे। प्रशासन ने घायलों के इलाज व सहायता की घोषणा की।

दीपावली की खुशियों से पहले श्योपुर जिले के विजयपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुरा गांव में सोमवार को दर्दनाक हादसा हो गया। घर की लिपाई के लिए मिट्टी लेने गई महिलाओं और बच्चों पर मिट्टी का टीला अचानक ढह गया। इस हादसे में छह लोग मलबे में दब गए, जिनमें 12 वर्षीय बालिका की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। मृतका की पहचान शिवानी पुत्री पानसिंह कुशवाह, उम्र 12 वर्ष, निवासी लक्ष्मणपुरा के रूप में हुई है।

टीआई राकेश शर्मा के अनुसार, दीपावली की तैयारियों के तहत गांव की महिलाएं और बच्चे घर की लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी लेने पास के एक पुराने टीले पर गए थे। मिट्टी निकालते समय अचानक टीला धंस गया और सभी लोग मलबे में दब गए। घटना इतनी तेज थी कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और ग्रामीण दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने तत्काल डायल 112 को सूचना दी और अपने स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया। लोगों ने हाथों और फावड़ों की मदद से मिट्टी हटाकर दबे हुए लोगों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक 12 वर्षीय शिवानी की सांसें थम चुकी थीं। अन्य पांच लोगों को बेहोशी की हालत में तत्काल विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।

विजयपुर थाना प्रभारी राकेश शर्मा ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल सभी की हालत स्थिर है, लेकिन दो बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। हादसे की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंचा। विजयपुर एसडीएम अभिषेक मिश्रा ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को बेहतर उपचार के निर्देश दिए। साथ ही मृतका के परिजन को सहायता राशि दिलाने एवं घायलों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन द्वारा लेने की बात कही गई।

गांव के लोगों का कहना है कि हर वर्ष दीपावली के समय महिलाएं और बच्चे इसी स्थान से मिट्टी लेकर घरों की लिपाई करते हैं, लेकिन इस बार मिट्टी निकालते समय टीला अस्थिर होकर गिर गया। हादसे के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है और दीपावली की रौनक गम में बदल गई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे खतरनाक स्थलों को चिह्नित कर सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।

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