दिव्यांगजन आयुक्त को जबरन छुट्टी पर भेजा जाएगा, निलंबित करने की मांग पर मंत्री का आश्वासन

भाजपा विधान पार्षद संदीप जोशी ने महाराष्ट्र के दिव्यांगजन आयुक्त पर नागपुर में मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के एक स्कूल से जुड़े मामले को असंवेदनशील तरीके से संभालने का आरोप लगाया। उन्होंने और विधान परिषद अध्यक्ष राम शिंदे ने आयुक्त को निलंबित करने की मांग की, जिस पर मंत्री अतुल सावे ने अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजने का आश्वासन दिया।
महाराष्ट्र के दिव्यांगन कल्याण मंत्री अतुल सावे ने बुधवार को कहा कि दिव्यांगजन आयुक्त को जबरन छुट्टी पर भेजा जाएगा। भाजपा के एक विधान पार्षद ने उन पर मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के एक स्कूल से जुड़े मामले को असंवेदनशील तरीके से संभालने का आरोप लगाया था।
विधान परिषद के सदस्यों और अध्यक्ष राम शिंदे ने मामले को लेकर दिव्यांगजन आयुक्त, जो एक आईएएस अधिकारी हैं- को निलंबित करने की मांग की, जिस पर दिव्यांगजन कल्याण मंत्री अतुल सावे ने आश्वासन दिया कि अध्यक्ष के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
निदेशक ने शिक्षक-कर्मचारियों को ऋण भुगतान करने के लिए मजबूर किया
भाजपा विधान पार्षद संदीप जोशी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बताया कि नागपुर में मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए मातोश्री शोभाताई भाकरे स्कूल में 38 छात्र और शिक्षकों समेत 26 कर्मचारी हैं। जोशी ने बताया कि संस्थान ने ऋण लिया था, लेकिन स्कूल के निदेशक ने शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को ईएमआई के माध्यम से इसे चुकाने के लिए मजूबर किया है।
शिकायत करने पर निदेशक ने बंदूक तानने की दी धमकी
भाजपा एमएलसी ने आरोप लगाया कि स्कूल में भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा, स्कूल निदेशक ने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। साथ ही शिकायत करने पर बंदूक तानने की धमकी भी दी। जोशी ने बताया कि नागपुर जिला परिषद (जेडपी) ने फरवरी में स्कूल का मूल्यांकन किया था, जिसमें स्कूल को 100 में से 80 अंक दिए गए थे। जब उन्होंने यह मामला उठाया तो, जिला परिषद ने एक और मूल्यांकन किया, जिसमें पहली रिपोर्ट के केवल तीन महीनों में ही स्कूल को 100 में से 23 अंक दिए गए।
विकलांगजन आयुक्त के समक्ष बार-बार उठाया मुद्दा
विधायक ने कहा कि उन्होंने विकलांग व्यक्तियों के आयुक्त के सामने बार-बार यह मुद्दा उठाया, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। विधान पार्षद ने कहा कि उन्होंने 30 जून को राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से नौकरशाह को लगातार फोन, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
जोशी ने दिव्यांगजन आयुक्त और जिला परिषद सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
जोशी ने कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए उन्होंने बार-बार निर्देश दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस पर उन्होंने विकलांगजन आयुक्त के खिलाफ तीन महीने से भी कम समय में संस्थान के बारे में दो अलग-अलग रिपोर्ट देने के लिए नागपुर जिला परिषद सीईओ के खिलाफ और कर्मचारियों को धमकाने वाले संस्थान निदेशक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
आयुक्त को निलंबित करने का अधिकार नहीं: सावे
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए, मंत्री सावे ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। संस्थान के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया गया है। सावे ने कहा कि उनके पास आयुक्त को निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह एक आईएएस अधिकारी हैं और विभाग को सरकार से इसकी सिफारिश करनी होगी। मंत्री ने कहा कि अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजा जा सकता है।
अन्य सदस्यों ने भी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की
हालांकि, विधान पार्षद जोशी ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर असंवेदनशील व्यवहार के लिए अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए। प्रवीण दरेकर समेत सदन के अन्य सदस्यों ने भी कार्रवाई की मांग की। परिषद अध्यक्ष शिंदे ने सावे से अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजने, उसे कारण बताओ नोटिस जारी करने और निलंबित करने का अनुरोध किया। जिस पर मंत्री सावे ने कहा, ‘सभापति के निर्देशों का पालन किया जाएगा।’