दिवाली अवसर पर लखनऊ में बढ़ी शराब की डिमांड, तो धधकने लगीं अवैध भट्टियां

लखनऊ। त्योहारों पर कच्ची अवैध शराब की डिमांड बढ़ी तो ठंडी पड़ीं भट्ठियां फिर धधकने लगीं। मुनाफे के कारोबार में जिंदगी को दरकिनार कर गांव-गांव मौत का कारोबार चल रहा है और जिम्मेदार आंखें मूंदे हैं।दिवाली अवसर पर लखनऊ में बढ़ी शराब की डिमांड, तो धधकने लगीं अवैध भट्टियां

माल थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस या आबकारी विभाग के अफसरों को इसकी खबर नहीं है, लेकिन इसके बावजूद धंधा जारी है। अवैध शराब के एक कारोबारी का कहना है कि पुलिस और विभाग के अधिकारियों का हफ्ता तय है। धंधे में कोई रोड़ा नहीं अटकाता, बशर्ते पैसा समय पर पहुंचता रहे।

सेटिंग का यह आलम है कि अगर कोई बड़ा अधिकारी छापा मारने की तैयारी करता है तो उससे पहले ही छापे की सूचना मिल जाती है। सूत्रों का कहना है कि रामनगर गांव में करीब पांच हजार लीटर, पीरनगर में डेढ़ हजार, बीरपुर में एक हजार लीटर, केड़ौरा में आठ सौ लीटर, थरी में दो हजार, हसनापुर में एक हजार लीटर, सिसवारा में पांच सौ लीटर शराब रोजाना तैयार की जा रही है।

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इसके अलावा शंकरपुर, पतौना, चौकी, गहदेव, बांझी, नबीपनाह, गोधन, बघोलवा, कोलवा, निकरोजपुर, बिधि, चंदवारा, रट्ठा, रमपुरवा, सालेहनगर, गंगाखेड़ा, सुरतीखेड़ा सहित दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां पर अवैध जहरीली शराब का कारोबार पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जारी है।

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