दिवाली के महीने में 4000 पॉइंट से ज्यादा चढ़ा सेंसेक्स

विदेशी निवेशक तीन महीने तक भारतीय बाजारों से दूर रहे और पैसा निकालते रहे। मगर उन्होंने अक्टूबर में अब तक 7300 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे दलाल स्ट्रीट में फिर से रौनक लौट आई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के यू-टर्न से सेंसेक्स में अकेले अक्टूबर में 4,159 अंकों की तेजी आई है, जो 5% की बड़ी उछाल है।

बेंचमार्क इंडेक्स अब अपने ऑल-टाइम हाई के बहुत करीब है, जो 85,978 के शिखर से केवल 1,552 पॉइंट्स दूर है, जबकि निफ्टी अपने रिकॉर्ड से सिर्फ 410 अंक पीछे है। यह उलटफेर किसी शानदार घटना से कम नहीं है। लगातार पांच सत्रों में तेजी के कारण बाजार के दिग्गज पूछ रहे हैं कि क्या यह दिवाली की तेजी एक नए बुलिश साइकिल की शुरुआत है या सिर्फ एक अस्थायी त्योहारी चमक है।

क्या है फ्यूचर के लिए उम्मीद

जानकार मान रहे हैं कि भारत के लिए निराशा और नेगेटिव सोच वाला दौर पीछे रह गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि संवत 2082 में तेजी दिखेगी, क्योंकि ग्लोबल युद्ध कम होने लगेंगे, ग्लोबल और भारतीय ब्याज दरें कम होंगी और ट्रेड वॉर का निपटारा होने लगेगा।

हालांकि बताया जा रहा है कि मौजूदा तेजी ज्यादातर फ्रंटलाइन स्टॉक्स और इंस्टीट्यूशनल फेवरेट शेयरों में ही दिख रही है। इस महीने निफ्टी बैंक में 6% से ज़्यादा की बढ़त हुई है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में मामूली 3-4% की बढ़त हुई है, जिससे पता चलता है कि ब्रॉडर मार्केट (मिड और स्मॉल कैप) अभी भी तेजी नहीं पकड़ पाया है। पर बेहतर होते तिमाही नतीजों से बड़े शेयरों को लाभ मिला है।

90 हजार के पार जाएगा सेंसेक्स

जानकार मानते हैं कि लंबे समय में मार्केट बेहतर तिमाही नतीजों पर रिएक्ट करता है। इसलिए आगे का बड़ा ट्रेंड इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियों की कमाई में ग्रोथ कैसी रहती है। एक अन्य एक्सपर्ट के मुताबिक इस संवत में निफ्टी 27,600 और सेंसेक्स 90,100 पर पहुंच सकता है।

इसका मतलब है कि मौजूदा लेवल से काफी अच्छी बढ़त होगी। FY25 का कमजोर कमाई का ट्रेंड अब नीचे की ओर जाता दिख रहा है, जो संवत 2082 के लिए ज्यादा कंस्ट्रक्टिव सेटअप का संकेत है।

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