दिल्‍ली के लिए जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान, उसके बाद फिर…

करीब 8 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी प्राइवेट सेक्‍टर की एयरलाइन जेट एयरवेज की विमान सेवा अस्थाई तौर पर बंद हो गई है. इस एयरलाइन के बंद होने से करीब 20 हजार से अधिक कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है. इसके साथ ही यात्रियों, एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं का करोड़ों रुपया फंस गया है. जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नई दिल्ली के लिये भरी गई.

दरअसल,  बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित कर्ज मदद देने से इनकार कर दिए जाने के बाद जेट एयरवेज ने यह फैसला लिया है. जेट एयरवेज की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘कर्जदाताओं और अन्य किसी भी स्रोत से आपातकालीन कोष उपलब्ध नहीं होने से ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पाएगी. इस वजह से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने के लिये मजबूर हैं. ’’

अब आगे क्‍या होगा?

बैंकों के नियंत्रण में आ चुकी जेट एयरवेज की उड़ान सेवा बंद होने के बाद अब इस एयरलाइन की बोली लगेगी. बैंकों की ओर से चार बोलीदाताओं की पहचान की गई. ये चार बोलीदाता- एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष एनआईआईएफ, निजी क्षेत्र के टीपीजी और इंडिगो पार्टनर है. इनके पास अंतिम वित्तीय बोली सौंपने के लिये 10 मई तक का समय है. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में कर्जदाता बैंकों के समूह की ओर से एसबीआई कैप ने जेट एयरवेज की 32.1 से लेकर 75 फीसदी तक हिस्सेदारी की बिक्री के लिये बोलियां आमंत्रित की थी.  बोलियां 8 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आमंत्रित की गई थीं.

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क्‍या कहते हैं कर्जदाता

जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने बयान जारी कर कहा, ” विचार-विमर्श के बाद हमने फैसला किया है कि जेट एयरवेज के अस्तित्व के लिए सबसे अच्छा तरीका संभावित निवेशकों से बोलियां प्राप्त करना है. 16 अप्रैल को बोली दस्तावेज जारी किए गए हैं. हमें उम्‍मीद है कि पारदर्शी तरीके से बोली प्रक्रिया सफल होगी.

क्‍या ग्राहकों की परेशानी बढ़ेगी?

जेट एयरवेज की उड़ान सेवाएं बंद होने की वजह से यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि विमानों की संख्‍या कम होने की वजह से स्‍पाइसजेट समेत अन्‍य एयरलाइनों को विमान सर्विस बढ़ाने को कहा गया है. इसके अलावा जिन ग्राहकों ने जेट एयरवेज के विमान का टिकट कराया है उन्‍हें एयरलाइन की ओर से जल्‍द ही रिफंड दी जाएगी. इस बीच जेट एयरवेज संकट पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि वह जेट के समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियमों के दायरे में रहते हुये समर्थन करेगा.  

क्‍यों आई ये नौबत?

ट्रेवल एजेंट नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध कराई लेकिन 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा. इस दौरान कंपनी को लगातार चार तिमाहियों में घाटा उठाना पड़ा.इसके बाद वह कर्ज के भुगतान में असफल होने लगी.पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया. वर्तमान में जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.

भारतीय एयरलाइन के लिए झटका

एयर इंडिया प्रमुख अश्वनी लोहानी ने जेट एयरवेज के अस्थाई तौर पर बंद होने को भारतीय एयरलाइन क्षेत्र के लिये झटका बताया है. लोहानी ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि देश में विमानन क्षेत्र में लगे सभी के लिए यह दुखद दिन है. यह इस लिहाज से दुखद है कि एक बेहतर एयरलाइन को कारोबार बंद करना पड़ रहा है. लोहानी ने कहा कि जेट एयरवेज के मुद्दे का निदान आसान नहीं है लेकिन फिर भी इस समस्‍या का समाधान करना चाहिए. 

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