दिल्ली सरकार ने वाहनों को सीएक्यूएम की राहत का स्वागत किया

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह जनहित में लिया गया सराहनीय निर्णय है। यह फैसला पर्यावरण संबंधी चिंताओं और नागरिकों की आजीविका के प्रति संतुलित और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सेंटर फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) द्वारा ओवरएज वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध के कार्यान्वयन को 1 नवंबर तक स्थगित करने के फैसले का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह जनहित में लिया गया सराहनीय निर्णय है। यह फैसला पर्यावरण संबंधी चिंताओं और नागरिकों की आजीविका के प्रति संतुलित और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने x पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली सरकार के अनुरोध पर सीएक्यूएम द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी करना एक महत्वपूर्ण और सराहनीय निर्णय है, जो जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार इसका स्वागत करती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सीएक्यूएम द्वारा दिए गए समय का उपयोग निवासियों को और राहत प्रदान करने और दीर्घकालिक और व्यावहारिक समाधान की दिशा में सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए करेगी।
फिलहाल राहत
राजधानी में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर लगी ईंधनबंदी फिलहाल हटा दी गई है। यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की 24वीं बैठक में मंगलवार को लिया गया। ऐसे में आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि एएनपीआर कैमरा सिस्टम या ईंधन पंप स्टेशनों पर स्थापित अन्य ऐसी प्रणालियों के माध्यम से पहचाने गए सभी समय पूरा कर चुके वाहन (ईओएल) वाहनों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत के पांच उच्च वाहन घनत्व वाले जिलों में 1 नवंबर, 2025 और शेष एनसीआर में 1 अप्रैल, 2026 से ईंधन भरने से मना कर दिया जाएगा।
आयोग ने कहा है कि ऐसे ईओएल वाहनों के संबंध में तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आरवीएसएफ नियम, 2021 और अन्य मौजूदा प्रावधानों के अनुसार जब्त करना और आगे का निपटान करना शामिल है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार और एनसीआर राज्यों के परिवहन विभाग को एएनपीआर प्रणाली की उचित स्थापना और संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
परिवहन विभागों को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि एएनपीआर प्रणाली का परीक्षण किया जाए और समय पर जनशक्ति का प्रशिक्षण किया जाए। वे ईंधन स्टेशनों सहित सभी हितधारकों के बीच इस निर्देश का व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे और प्रभावी प्रवर्तन उपायों के माध्यम से इसका सख्त अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, ईओएल के बड़े बेड़े के परिसमापन की दिशा में सभी संबंधित एजेंसियों की तरफ से शुरू की गई समन्वित कार्रवाइयों की रिपोर्ट मासिक आधार पर आयोग को दी जाएगी।