दिल्ली: लाल किले के पीछे ऐतिहासिक पार्कों को बनाया जाएगा आकर्षक

डीडीए ने इन पार्कों को दोबारा बेहतर करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने इन पार्कों को डीडीए को सौंपा है, जिनमें एएसआई की ओर से संरक्षित कई स्मारक भी शामिल हैं।
डीडीए लाल किले के पीछे स्थित दिल्ली चलो पार्क, घाटा मस्जिद पार्क, सद्भावना पार्क और उर्दू अकादमी पार्क को खूबसूरत, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा। ऐतिहासिक पार्कों का सौंदर्यीकरण नए जमाने के बगीचे की तरह डिजाइन किया जाएगा। विभिन्न तरह के फूल-पौधे लगाए जाएंगे, पैदल चलने के लिए रास्ते और पानी-लाइट की स्मार्ट व्यवस्था होगी।
परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 19 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। डीडीए ने इन पार्कों को दोबारा बेहतर करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने इन पार्कों को डीडीए को सौंपा है, जिनमें एएसआई की ओर से संरक्षित कई स्मारक भी शामिल हैं। इन स्मारकों की उपेक्षा को दूर करते हुए, डीडीए इन पार्कों को आधुनिक सुविधाओं और हरियाली से युक्त पर्यटक और स्थानीय आकर्षण के केंद्र के रूप में विकसित करेगा।
आधुनिक तरीके से होगा पार्कों का सौंदर्यीकरण
पार्कों में आधुनिक लैंडस्केपिंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें फूलों की क्यारियां, पौधरोपण और जल निकाय शामिल होंगे। बैठने की व्यवस्था, पैदल पथ, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र और स्वच्छता सुविधाएं जैसे शौचालय और पेयजल की व्यवस्था होगी। एएसआई के सहयोग से पार्कों में मौजूद ऐतिहासिक स्मारकों का जीर्णोद्धार और रखरखाव किया जाएगा। सौर ऊर्जा से संचालित लाइटिंग और वर्षा जल संचयन जैसी पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग भी किया जाएगा। डीडीए ने इसपर काम शुरू कर दिया है।
डीडीए ऐतिहासिक धरोहरों को भी संजोएगी
घाटा मस्जिद पार्क में ऐतिहासिक और अन्य संरचनाएं शामिल हैं, जबकि दिल्ली चलो पार्क सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए जाना जाता है। डीडीए ने पहले महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क और कुदासिया घाट जैसे स्थानों का सफल जीर्णोद्धार किया है। लाल किले के पीछे इन चार पार्कों के दोबारा बेहतर करने से दिल्ली की सजावट और बनावट को नई पहचान मिलेगी। डीडीए की यह पहल न केवल प्रकृति की रक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी संजोएगी।