दिल्ली में 95 और मोहल्ला क्लीनिकों पर लगेगा ताला

दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बंद करने की प्रक्रिया जारी है। अब 95 और मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने के लिए सूची जारी की गई है। स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के शून्य से 1.6 किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्लीनिकों को बंद किया जाएगा। वहीं आप ने दिल्ली में 95 और मोहल्ला क्लीनिक बंद होने की आशंका पर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

यह मोहल्ला क्लीनिक पोर्टा केबिन और किराये की इमारत में संचालित हो रहे हैं। इससे पहले एक किलोमीटर के दायरे वाले मोहल्ला क्लीनिक बंद किए गए थे। मोहल्ला क्लीनिक बंद होने पर कार्यरत कर्मियों के बीच रोष है। इससे पहले सितंबर, अक्तूबर में भी क्लीनिक बंद किए गए थे।

आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने कहा कि इन 95 क्लीनिक को मिलाकर बंद होने वाले क्लीनिकों की संख्या 296 हो जाएगी। इससे लगभग 1100 से अधिक कर्मी बेरोजगार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 16 मई को जनता दरबार में वादा किया था कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में समायोजित किया जाएगा।

इसके अलावा इसी मामले में कैट के भी 22 जनवरी 2026 तक कुछ कर्मियों के स्टे ऑर्डर हैं। जिनको निकाला नहीं जा सकता है। कर्मियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि समस्या दूर करे और उन्हें आयुष्मान आरोग्य मंदिर में नियुक्त किया जाए।

आम आदमी पार्टी ने लगाए आरोप
वहीं इसपर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 95 और मोहल्ला क्लीनिक बंद होने की आशंका पर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार गरीबों को मुफ्त इलाज से वंचित कर रही है, मेट्रो स्टेशनों और शॉपिंग मॉल में शराब के प्रीमियम शोरूम खोलने की तैयारी कर रही है। उनके अनुसार, सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी से पीछे हट रही है।

भाजपा का आप पर पलटवार
भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर भ्रामक बयानबाजी और झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता प्रवीण शंकर ने कहा कि पिछले 18 महीनों में लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम स्तरों के चुनावों में हार के बावजूद आप नेता अब भी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ना बंद नहीं कर रहे। सौरभ लगातार जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दिल्लीवासी अब उनके दावों पर भरोसा नहीं करते। कपूर ने मोहल्ला क्लीनिक को छलावा बताते हुए दावा किया कि इन केंद्रों में डॉक्टरों की जगह कंपाउंडर दवा बांटते थे।

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