दिल्ली में 10 साल में 1.8 लाख बच्चे हुए लापता

दिल्ली से एक चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 10 सालों में 1.8 लाख से अधिक बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें से 50,000 से ज्यादा का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। यह खुलासा दिल्ली पुलिस के आधिकारिक डेटा से हुआ है, जो देश की राजधानी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।
2015 से 2025 तक लापता हुए 1.84 लाख बच्चे
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 2015 से 2025 के बीच कुल 1.84 लाख बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई। इनमें से 1.33 लाख बच्चों को खोज लिया गया, जबकि 50,771 बच्चे अभी भी लापता हैं। इसका मतलब है कि हर तीन लापता बच्चों में से एक का आज तक कोई पता नहीं चल पाया है।
किन सालों में सबसे ज्यादा बच्चे लापता हुए
2019: 18,063
2023: 18,197
2020 (कोविड लॉकडाउन): केवल 13,647 (सबसे कम संख्या)
विशेषज्ञों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही सीमित थी, जिससे बच्चों के गुम होने के मामले अस्थायी रूप से घटे। लेकिन जैसे ही प्रतिबंध हटे, मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे।
लड़कियों की संख्या ज्यादा
आंकड़े बताते हैं कि लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा लापता होती हैं।
लापता लड़के: 86,368
लापता लड़कियां: 98,036
अब तक 70,696 लड़कियां मिल चुकी हैं, लेकिन 27,000 से अधिक अब भी लापता हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लड़कियों के लापता होने के पीछे मानव तस्करी, घरेलू हिंसा, मजबूरन विवाह और शोषण जैसे कारण प्रमुख हैं।
12 से 18 वर्ष के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित
डेटा बताता है कि लापता बच्चों में से 82% की उम्र 12 से 18 साल के बीच है। केवल 2025 में ही 4,167 किशोर लापता हुए, जिनमें से तीन-चौथाई लड़कियां थीं। इनमें से अब तक केवल 69% का ही पता लगाया जा सका है।
0 से 8 साल: 5,503 मामले (84% ट्रेस किए गए)
8 से 12 साल: 6,494 मामले (92% ट्रेस किए गए)
इससे साफ है कि कम उम्र के बच्चों को खोजने की संभावना अधिक होती है, जबकि किशोरों के मामलों में जांच जटिल हो जाती है।
2025 में अब तक 14,828 बच्चे लापता
साल 2025 के पहले 10 महीनों में ही 14,828 बच्चों के लापता होने की शिकायतें दर्ज की गई हैं। अब तक 7,443 बच्चों को खोजा जा चुका है, जबकि 7,385 बच्चे (करीब 50%) अभी भी लापता हैं।





