दिल्ली में हटेगा तारों का जाल, शालिमार बाग से पायलट प्रोजेक्ट शुरू

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने परियोजना शुरू करते हुए कहा है कि दिल्ली के अन्य इलाकों में भी बिजली के तारों का जाल समाप्त किया जाएगा।
शालीमार बाग के बीएच (पूर्व) ब्लॉक में शनिवार को बिजली के ऊपरी तारों को भूमिगत करने के पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया। परियोजना में 8.07 करोड़ की लागत से 5500 परिवारों को सुरक्षित और निर्बाध बिजली मिलेगी साथ ही क्षेत्र की सुंदरता भी बढ़ेगी। तीन महीने में काम पूरा करने की योजना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने परियोजना शुरू करते हुए कहा है कि दिल्ली के अन्य इलाकों में भी बिजली के तारों का जाल समाप्त किया जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5 किमी लंबी एचटी और एलटी तारों को हटाकर 10 किमी एलटी (440 वोल्ट) और 1.2 किलोमीटर एचटी (11 केवी) नेटवर्क बिछाया जाएगा। साथ ही 23 नए डबल सोर्स फीडर पिलर बॉक्स और जीआई ऑक्टागोनल पोल के साथ सीसीएमएस स्विच लगाए जाएंगे, जिससे रात में बेहतर रोशनी और चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि परियोजना तीन महीने में पूरी होगी और दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। यह कदम न केवल बिजली व्यवस्था को विश्वसनीय बनाएगा, बल्कि खुले तारों से होने वाले हादसों को भी रोकेगा। मौके पर ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विजन का हिस्सा है।
दिल्ली स्मार्ट और हरित शहर बनने की राह पर : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली स्मार्ट और हरित शहर बनने की राह पर है। शालीमार बाग में कई विकास कार्य चल रहे हैं। सहीपुर गांव में 10 लाख रुपये की लागत से नई सीवर लाइन और नालियां बन रही हैं। 25 लाख रुपये की लागत से आरएमसी सड़क बनाई जा रही है, आईजीएल नेटवर्क का काम भी शुरू है। कनिष्का अपार्टमेंट में 23.48 लाख रुपये से बाउंड्री वॉल बन रही है और सहीपुर पार्क की दीवार का निर्माण भी शुरू है। पूरी दिल्ली में इस तरह के विकास कार्य जल्द होते नजर आएंगे।