द‍िल्‍ली में बढ़े Dengue और Malaria के मरीज, इन लक्षणों को न करें अनदेखा

मॉनसून का मौसम अपने साथ सिर्फ ठंडक और राहत ही नहीं, कई चुनौतियां भी लेकर आता है। तेज बारिश, नमी और मौसम में आए बदलाव का असर न सिर्फ हमारी लाइफ पर पड़ता है, बल्कि सेहत पर भी दिखाई देने लगता है। खासकर जुलाई से सितंबर के बीच का समय ऐसा होता है जब कई तरह की मौसमी परेशानियां लोगों को घेर लेती हैं।

इस समय अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगती है।

बुखार, कमजोरी, थकान, शरीर में दर्द जैसी शिकायतें आम होने लगती हैं। मौसम में आई नमी और गंदगी कई बार इन समस्याओं को और बढ़ा देती है। दिल्ली जैसे बड़े शहरों में हर साल इस मौसम में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जाती है। इन द‍िनों तो राजधानी दिल्ली में मानसून के बाद मच्छरजनित बीमारियों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

मरीजों की संख्‍या बढ़ी
अस्पतालों पर असर भी साफ तौर पर दिखने लगा है। मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। खासतौर पर वायरल बुखार से पीड़ित लोग बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, 26 जुलाई तक मलेरिया के 106 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं एक हफ्ते में मलेरिया के 12 और डेंगू के 16 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। चिकनगुनिया के भी तीन मरीज सामने आए हैं।

बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास जारी
इस साल अब तक डेंगू के 277 और 284 मलेरिया के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं चिकनगुनिया के 18 मरीजों की पुष्टि हुई है। आपको बता दें क‍ि दिल्ली में पिछले कई सालों से जुलाई से अक्टूबर के बीच मच्छरजनित बीमारियों के मामले बढ़ते हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम लगातार इन बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है।

ऐसे होता है मलेरिया
मलेरिया मादा एनाफिलीस मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं। आमतौर पर मलेरिया के मच्छर रात में ही ज्यादा काटते हैं। कई मामलों में मलेरिया अंदर ही अंदर बढ़ता रहता है।

ऐसे होता है डेंगू
डेंगू मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का मच्छर आमतौर पर साफ पानी में पनपता है और दिन में काटता है। इस समय स्वच्छता जरूरी होता है। इससे रक्त कोशिकाओं में स्वच्छता बनी रहे।

मच्छर से होने वाली बीमारियों के लक्षण
तेज बुखार
तेज बदन दर्द
प्लेटलेट्स का गिरना
नाक और मुंह से खून बहना
ठंड लगना और बुखार आना
इन बातों का रखें ध्यान

घर में लगे सजावटी पौधों में पानी बदलते रहें
कूलर को साफ रखें और उसमें पानी को तीन से चार दिन से ज्यादा जमा न होने दें
घर में टूटे हुए बर्तन, टूटे हुए डिब्बे व गमले आदि में पानी जमा न होने दें
मच्छरों की कमी के लिए दवा का छिड़काव करें
पानी के कंटेनर में पानी इकठ्ठा होने से रोकें, नहीं रोक सकते हैं तो उसे खाली रखें और ढक कर रखें

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